Ghaziabad: गाजियाबाद में भूजल स्तर में गिरावट को रोकने के लिए भूजल स्तर परिषद ने सख्त कदम उठाते हुए 14 सोसाइटियों को नोटिस जारी किए हैं। इन सोसाइटियों को एक महीने के अंदर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है। नोडल अधिकारी सृष्टि जायसवाल ने बताया कि जिन सोसाइटियों ने अब तक एनओसी नहीं ली है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, अन्य सोसाइटियों को भी जल्द नोटिस भेजे जाएंगे।
बिना एनओसी के बोरवेल पर रोक
गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र नोटिफाइड एरिया में आता है, जहां कोई भी बोरवेल करने से पहले एनओसी लेना अनिवार्य है। हालांकि, अधिकांश लोग इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं और सबमर्सिबल पंप के जरिए भूजल दोहन कर रहे हैं। परिषद की नोडल अधिकारी सृष्टि जायसवाल ने स्पष्ट किया कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बिल्डर को एनओसी पर सख्त नियम
नोडल अधिकारी ने यह भी बताया कि किसी बिल्डर को सोसाइटियों के उपयोग के लिए बोरवेल की एनओसी नहीं दी जाएगी। यदि बिल्डर निर्माण कार्य के लिए एनओसी प्राप्त करता है, तो उस बोरवेल का उपयोग केवल निर्माण कार्य तक ही सीमित होगा। यदि बिल्डर की एनओसी पर सोसाइटी के लिए बोरवेल चलाया गया, तो परिषद सख्त कदम उठाएगी।
आरडब्ल्यूए/एओए के पास ही होगी जिम्मेदारी
सोसाइटियों के लिए बोरवेल की एनओसी केवल आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) या एओए (अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन) को ही जारी की जाएगी। उन सोसाइटियों में एनओसी नहीं दी जाएगी, जहां रखरखाव अभी भी बिल्डर के पास है। नोडल अधिकारी ने सभी आरडब्ल्यूए और एओए को एक महीने के अंदर एनओसी लेने की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।
बोरवेल सील करने की तैयारी
यदि एक माह के भीतर निर्धारित प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो परिषद द्वारा बोरवेल को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। भूजल दोहन को नियंत्रित करने के लिए परिषद ने यह सुनिश्चित किया है कि केवल नियमों के तहत ही बोरवेल का उपयोग किया जाए।
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जनता को किया गया सचेत
परिषद ने आम जनता से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और भूजल संरक्षण में योगदान दें। गंगाजल आपूर्ति के बावजूद भूजल दोहन से क्षेत्र में जल संकट बढ़ सकता है। इसलिए, एनओसी प्राप्त करना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।