Ghaziabad News: गाजियाबाद की एक अदालत ने बुधवार को बच्चों की गवाही के आधार पर 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है। दंपती के बच्चे अपराध के गवाह थे। पुलिस के अनुसार, दोषी मोहम्मद अय्यूब ने 30 मार्च 2024 को लोनी के मुस्तफाबाद स्थित अपने घर में अपनी 36 वर्षीय पत्नी फरजाना पर कुदाल से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में 29 अप्रैल 2024 को चार्जशीट दायर की गई थी, अय्यूब के खिलाफ आरोप 17 अगस्त 2024 को तय किए गए और अदालत ने 5 मार्च को सजा सुनाई।
बच्चों की गवाही बनी अहम सबूत
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नेत्रपाल सिंह की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए गवाह स्वाभाविक हैं और अपराध स्थल पर उनकी मौजूदगी हर तरह से साबित होती है। साथ ही मामले में शिकायतकर्ता अरहम, अर्शी, महक, अयान, नौशाद और शौकीन के बयान पूरी तरह विश्वसनीय हैं। शौकीन पीड़ित का पड़ोसी है और नौशाद पीड़ित का चाचा है।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील रवि शर्मा ने कहा, “अदालत ने मोहम्मद अय्यूब को अपनी पत्नी की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई और 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। घर में उनके बच्चे प्रत्यक्षदर्शी थे और उन्होंने अपने पिता के खिलाफ गवाही दी।”
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खोले चौंकाने वाले राज
अभियोजन पक्ष ने मामले में 12 गवाह पेश किए। शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ. पंकज राकेश ने बताया कि मृतक महिला के शरीर पर 14 अलग-अलग तरह के जख्म के निशान थे। मृतका का सबसे बड़ा बेटा 20 वर्षीय मोहम्मद अरहम ने अदालत में बताया, “रात करीब 10 बजे जब मैं दुकान से घर लौटा, तो मैंने देखा कि मेरा छोटा भाई और बहन रो रहे थे। वे भी घायल थे। मेरी बहन ने मुझे बताया कि पापा ने मां को कुदाल से मार डाला और भाग गए। मैं कमरे में गया और देखा कि मेरी मां फर्श पर पड़ी थी और खून बह रहा था।”
मासूम बच्चों की दहशत
दंपती की एक नाबालिग बेटी ने अदालत में कहा, “मेरे पिता ने मेरी मां को मारना बंद नहीं किया और लगातार मारते रहे; पूरे कमरे में खून ही खून था। बाद में मेरा भाई अरहम घर आया और मैंने उसे पूरी घटना के बारे में बताया।” दंपती की 18 वर्षीय बेटी महक ने अदालत में बताया कि हमला देखकर वह अपने छोटे भाई-बहनों को बाहर ले गई, लेकिन उसका 6 वर्षीय भाई घायल हो गया, क्योंकि हमले के समय वह अपनी मां के बगल में सो रहा था।
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अदालत का फैसला
अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि यह एक क्रूरतम अपराध है, जिसमें मासूम बच्चों के सामने ही उनकी मां की बेरहमी से हत्या कर दी गई।