Delhi News: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों के लिए मतदान शुक्रवार को संपन्न हो गया। अब प्रत्याशी, नेता, छात्र संगठनों के कार्यकर्ता और छात्र चुनाव परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। तकनीकी तौर पर 28 सितंबर को परिणाम घोषित होने थे, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के कारण सभी को परिणामों के लिए एक महीने तक का इंतजार करना पड़ेगा।
परिणाम शीघ्र घोषित करने की मांग
बता दें कि उच्च न्यायालय द्वारा परिणाम की घोषणा पर रोक लगाए जाने पर ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के परिणाम शीघ्र घोषित किए जाने चाहिए, छात्रों का प्रतिनिधित्व होना आवश्यक है। छात्रसंघ, शिक्षा क्षेत्र तथा युवाओं के मुद्दों को उठाने का सशक्त माध्यम रहे हैं।
आवश्यकताओं के अनुरूप बदलाव की मांग
शुक्ल ने प्रेस वार्ता के दौरान आरोप लगाया कि न्यायालय में सुनवाई के दौरान विभिन्न हितधारको को अपना पक्ष रखने के लिए नहीं बुलाया गया। इसके अलावा उन्होंने वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलाव करने की मांग की. उन्होंने कहा दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे विशाल छात्रसंघ चुनाव में जहां लगभग डेढ़ लाख वोटर हैं, वहां पांच हजार रुपए में चुनाव लड़ने का नियम बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है।
छात्रसंघ चुनाव सुधार पर उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग
ABVP की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि छात्रसंघ चुनाव में जो सुधार का पक्ष है, उसके लिए पूर्व कुलपतियों, शिक्षाविद, छात्रसंघ के पदाधिकारियों, छात्र संगठनों के प्रतिनिधि व अन्य विशेषज्ञों सम्मिलित उच्च स्तरीय समिति गठित की जानी चाहिए, जिससे सभी हितधारकों के पक्ष सम्मिलित हो सकें। व्यवस्थाओं में सुधार बिना हितधारकों के पक्ष को सम्मिलित किए नहीं हो सकता है।
हाईकोर्ट ने की यह टिप्पणी
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अदालत के समक्ष प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि चुनाव में धन और शक्ति का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि चुनाव, जिसे लोकतंत्र के उत्सव के रूप में देखा जाना चाहिए था, वह धन शोधन और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आयोजन प्रतीत होता है।
परिणाम पर क्यों लगाई रोक
यही कारण है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से नाराजगी जताते हुए सवाल किया कि लिंगदोह समिति के दिशा-निर्देशों की अनदेखी क्यों की गई और प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसके बाद अदालत ने मतदान की अनुमति दे दी, लेकिन अगले आदेश जारी होने तक मतगणना और परिणामों की घोषणा पर रोक लगा दी।
ये लोग रहें मौजूद
बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल, राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह , अभाविप दिल्ली प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री, अभाविप से डूसू अध्यक्ष पद के प्रत्याशी ऋषभ चौधरी उपस्थित रहे।