Delhi-NCR: दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है। सोमवार की सुबह लाखों लोगों को जहरीली हवा के बीच सांस लेना पड़ा। सरकारी प्रयासों के बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि गंभीर बीमारियों को भी बढ़ावा दे रही है।
वायु प्रदूषण से बढ़ रहा फेफड़ों के कैंसर का खतरा
सर गंगा राम अस्पताल (SGRH) के विशेषज्ञों ने हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया कि दिल्ली की जहरीली हवा फेफड़ों के कैंसर के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि कर रही है। अस्पताल के वरिष्ठ फेफड़ा सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि मार्च 2012 से जून 2018 के बीच 150 से अधिक मरीजों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया।
डॉ. कुमार के अनुसार, “यह देखा गया कि 50 प्रतिशत से अधिक फेफड़ों के कैंसर के मरीज धूम्रपान नहीं करते थे। यहां तक कि 50 वर्ष से कम आयु वाले मरीजों में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत तक पहुंच गया।”
अध्ययन में क्या निकला सामने?
अध्ययन के नतीजों से यह स्पष्ट हुआ है कि धूम्रपान ही फेफड़ों के कैंसर की इकलौती वजह नहीं है। प्रदूषित हवा की भूमिका इस बीमारी के बढ़ते मामलों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। डॉक्टरों ने इसे बेहद चिंताजनक बताया है, क्योंकि यह समस्या अब केवल धूम्रपान करने वालों तक सीमित नहीं रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण के जहरीले कण न केवल सांस लेने की प्रणाली को प्रभावित करते हैं, बल्कि शरीर के अन्य अंगों तक भी पहुंच जाते हैं। इससे एलर्जिक राइनाइटिस, नाक में जलन, सिरदर्द और त्वचा रोगों जैसी समस्याएं हो रही हैं। लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
सरकारी प्रयास नाकाफी
सरकार ने वाहनों के उपयोग को सीमित करने और सरकारी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने जैसे कदम उठाए हैं। इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या केवल अल्पकालिक उपायों से नहीं सुलझेगी, बल्कि इसके लिए दीर्घकालिक रणनीति और ठोस कदमों की आवश्यकता है।
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बढ़ते प्रदूषण से बचने के उपाय
डॉक्टरों ने प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
- घर से बाहर निकलने पर एन95 मास्क का उपयोग करें।
- एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- ताजा और पौष्टिक भोजन लें।
- सांस की किसी भी समस्या पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का यह संकट गंभीर है और इससे निपटने के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर प्रयास करना होगा। अन्यथा, आने वाले समय में स्वास्थ्य समस्याओं का यह संकट और गहरा सकता है।