Delhi : दिल्ली के द्वारका मोड़ इलाके में सोमवार रात एक भीषण आग ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। इस घटना में 30 झुग्गियां, दो फैक्ट्री और कई दुकानें जलकर खाक हो गईं, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई। आग के कारण हुई व्यापक क्षति ने सुरक्षा उपायों और अग्नि नियंत्रण व्यवस्थाओं के प्रति संवेदनशीलता को पुनः उजागर किया है।
आग का त्वरित फैलाव और दमकल विभाग की तत्परता
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी के मुताबिक, आग लगने की सूचना रात 2:07 बजे मिली थी। सूचना मिलते ही दमकल विभाग ने तुरंत 11 दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर भेजीं। आग ने तेजी से फैलते हुए 1200 वर्ग गज से अधिक क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान दमकल कर्मियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ी, और तड़के 3:50 बजे आग पर काबू पाया गया।
आग में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन भारी संपत्ति का नुकसान हुआ
खुशकिस्मती से इस भीषण आग में कोई जनहानि नहीं हुई, जो कि एक राहत की बात है। हालांकि, आग से हुए नुकसान का आकलन करते हुए भारी क्षति का अनुमान लगाया गया है। आग ने बड़े पैमाने पर संपत्ति को नष्ट किया, जिसमें झुग्गियां, फैक्ट्री और दुकानें शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित लोगों की सहायता के लिए योजनाएं बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि उन्हें त्वरित राहत मिल सके।
आग सुरक्षा के मुद्दे पर जोर
इस घटना ने आग सुरक्षा के मुद्दों पर पुनः ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में विशेषकर झुग्गी-झोपड़ी और छोटे कारोबारी क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं, और इन्हें रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा इंतजाम किए जाने चाहिए। खासकर अव्यवस्थित इलाकों में आग लगने के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
स्थानीय प्रशासन की तत्परता
घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन (Delhi) ने तुरंत प्रभावित लोगों के लिए राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। साथ ही, आग के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए टीमों को भेजा गया है। प्रशासन ने उन परिवारों को त्वरित सहायता देने का आश्वासन दिया है, जिनके घर और व्यवसाय आग से प्रभावित हुए हैं।
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