Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों में इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट बनकर उभरी, जहां मुकाबला बेहद रोचक और कड़ा रहा। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यह सीट पहले तीन चुनावों में आसान साबित हुई थी, लेकिन इस बार हालात बदल गए। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने तुरूप के पत्ते प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा, जो पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी मुकाबले को और कड़ा बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया।
हालांकि अरविंद केजरीवाल AAP के सबसे बड़े नेता और पार्टी के वैचारिक आधार हैं, लेकिन इस बार का चुनाव उनके लिए आसान नहीं था। तीनों पिछली बार के चुनावों में उन्हें 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे, पर इस बार नई दिल्ली सीट की जनता ने उन्हें नकार दिया। प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को कड़े मुकाबले में हराकर सीट पर कब्जा जमाया।
मध्य वर्ग का बीजेपी को जबरदस्त समर्थन
नई दिल्ली सीट पर अधिकांश इलाकों में सरकारी कार्यालय, पॉश कॉलोनियां और मध्य वर्ग के लोग रहते हैं। इस सीट में सांसदों के सरकारी आवास और केंद्रीय कर्मचारियों के क्वार्टर भी बड़ी संख्या में हैं। पहले के चुनावों में केजरीवाल को हर वर्ग का समर्थन मिला था, लेकिन इस बार दिल्ली की सफाई व्यवस्था, सीवर ओवरफ्लो, गंदे पानी की आपूर्ति और यमुना नदी की हालत ने लोगों को निराश कर दिया।
मुफ्त बिजली की योजना के बावजूद, मध्य वर्ग को लगा कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। लोकसभा चुनावों में भी नई दिल्ली लोकसभा सीट पर बीजेपी की बांसुरी स्वराज ने जीत हासिल की थी। बीजेपी ने आठवें वेतन आयोग के गठन और इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर मध्य वर्ग को अपनी ओर आकर्षित किया।
झुग्गीवासियों को पक्के आवास का वादा
बीजेपी ने इस बार झुग्गीवासियों को पक्के मकान देने का वादा कर केजरीवाल के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की रणनीति अपनाई। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने अभियानों में गरीबों को पक्के मकान की चाबियां सौंपते हुए प्रचार की शुरुआत की थी। बीजेपी नेताओं ने झुग्गी बस्तियों में जाकर लोगों को बताया कि केजरीवाल सरकार की नीतियों के कारण उन्हें उनके हक के मकान नहीं मिल पा रहे हैं। मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हर भाषण में झुग्गीवासियों को मकान देने का वादा किया, जिससे बीजेपी को झुग्गीवासियों का समर्थन मिला।
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वाल्मीकि समुदाय के वोट बीजेपी के पक्ष में
वाल्मीकि समुदाय के वोट भी बीजेपी के पक्ष में गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई दिल्ली सीट पर वाल्मीकि मतदाताओं की संख्या लगभग 20,000 है। माना जाता है कि इस बार वाल्मीकि वोट बड़ी संख्या में बीजेपी को मिले। इसके अलावा, कुछ जाटव वोट कांग्रेस को गए, जिससे केजरीवाल को नुकसान हुआ।
संदीप दीक्षित की भूमिका और केजरीवाल की हार
नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस का वोट शेयर लगातार गिर रहा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ चार प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 33 प्रतिशत। इस बार कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को उतारा, लेकिन उन्हें मात्र 4,568 वोट ही मिले। अगर ये वोट अरविंद केजरीवाल को मिलते, तो वे प्रवेश वर्मा से 4,089 वोटों के अंतर से हारने के बजाय जीत सकते थे।