नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी त्योहारों के दौरान स्थानीय उत्पादों को खरीदकर भारतीय हस्तशिल्प से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों का आह्वान किया है। साथ ही उत्सवों के उत्साह में नागरिकों को कोरोना को नहीं भूलने के प्रति आगाह करते हुए कहा कि भारत में शुक्रवार तक 50 करोड़ कोरोना रोधी वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामर्थ्य है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को ही भारत ने 50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के बहुत अहम पड़ाव को पार किया है। दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या से भी अधिक टीके भारत एक सप्ताह में लगा रहा है। ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामर्थ्य है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्सवों के उत्साह के बीच हमें कोरोना को नहीं भूलना है। कोरोना की तीसरी लहर को आने से हमें ही रोकना है। इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। मास्क, टीका और दो गज की दूरी ये बहुत जरूरी है। हमें स्वस्थ और समृद्ध भारत का संकल्प लेना है।
पिछले कुछ वर्षों में खादी के प्रति जनता के सकारात्मक दृष्टि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस खादी को कभी भुला दिया गया था, वो आज नया ब्रांड बन चुका है। अब जब हम आजादी के 100 वर्ष की तरफ नए सफर पर निकल रहे हैं, तो आजादी के लिए खादी की उस भावना को हमें और मजबूत करना है। आत्मनिर्भर भारत के लिए, हमें लोकल के लिए वोकल होना है।
प्रधानमंत्री ने लोकल फॉर वोकल अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह गांव, गरीब और आदिवासियों को सशक्त बनाने के लिए चलाया जा रहा है। ये अभियान हमारे हस्तशिल्प को, हथकरघे को, कपड़े की हमारी कारीगरी को प्रोत्साहित करने का है। उन्होंने कहा कि इसी भावना के साथ राष्ट्र आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मना रहा है। आजादी के 75वे वर्ष के अमृत महोत्सव के मद्देनजर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। वर्ष 1905 में आज ही के दिन स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इससे प्रेरणा लेकर ही हथकरघा को यह दिन समर्पित किया है। लोग कोई न कोई हस्तशिल्प जरूर खरीदें और स्वदेशी को मदद करें।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के बाद ट्वीट कर कहा, “हथकरघा भारत की विविधता और अनगिनत बुनकरों और कारीगरों की निपुणता को प्रकट करता है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस #MyHandloomMyPride की भावना को बढ़ाकर हमारे बुनकरों को समर्थन देने का अवसर है। आइए हम स्थानीय हथकरघा उत्पादों का समर्थन करें।”