नई दिल्ली :- ट्विटर ने स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की स्थायी नियुक्ति कर दी है। ट्विटर की इस सूचना के बाद दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने मामले पर 10 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान ट्विटर की ओर से वरिष्ठ वकील सज्जन पोवैया ने कहा कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति पिछले 4 अगस्त को कर दी गई है। इसके साथ-साथ नोडल अधिकारी और मुख्य शिकायत निवारण अधिकारी की भी नियुक्ति कर दी गई है। इस संबंध में नया हलफनामा दायर कर दिया गया है। तब कोर्ट ने कहा कि वह रिकॉर्ड में नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि वह हलफनामे का वेरिफिकेशन करेंगे और कोर्ट को इसकी सूचना देंगे। उसके बाद कोर्ट ने 10 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने 28 जुलाई को नए आईटी नियमों पर अमल को लेकर ट्विटर के जवाब पर नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया था कि एक हफ्ते में बेहतर हलफनामा दायर करें जिसमें मुख्य शिकायत निवारण अधिकारी और स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी का स्पष्ट उल्लेख हो। कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वे हलफनामा में ये भी बताएं कि नोडल अफसर की नियुक्ति कब तक होगी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले 8 जुलाई को साफ किया था कि केंद्र सरकार चाहे तो नए आईटी रूल्स पर अमल न होने के चलते ट्विटर पर कोई भी एक्शन ले सकती है। कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट उसे किसी तरह का संरक्षण नहीं दे रहा। पिछले 6 जुलाई को हाईकोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि कि ट्विटर ने जिस शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की है वो अंतरिम है। कोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने पिछली सुनवाई में कोर्ट को भ्रमित करने की कोशिश की।
केंद्र सरकार ने 5 जुलाई को हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि ट्विटर आईटी रुल्स का पालन करने में नाकाम रहा है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि सभी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया को नए आईटी रुल्स को लागू करने के लिए तीन महीने का पर्याप्त समय दिया गया था लेकिन ट्विटर ने नए आईटी रुल्स को पूरे तरीके से पालन नहीं किया।
वकील अमित आचार्य ने दायर याचिका में कहा है कि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनी होने के नाते ट्विटर को बिना देरी किए कानून का पालन करना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ट्विटर को निर्देश दे कि वो बिना देरी किए आईटी रुल्स के तहत शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करे। आईटी रुल्स के रुल 4(सी) के तहत किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
याचिका में कहा गया है कि आईटी रुल्स पिछले 25 फरवरी को लाया गया था। आईटी रुल्स में सोशल मीडिया प्लेटफार्म को निर्देश दिया गया था कि वे तीन महीने के अंदर निर्देशों का पालन करें लेकिन ट्विटर ने आईटी रुल्स का पालन नहीं किया। ट्विटर ने स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी नहीं की। 26 मई को याचिकाकर्ता ने ट्विटर पर देखा कि दो लोगों ने ऐसे ट्वीट किए थे जो अपमानजनक और झूठे थे। इनकी शिकायत करने के लिए उसने शिकायत निवारण अधिकारी के बारे में पता लगाया लेकिन ट्विटर ने स्थानीय स्तर पर कोई शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है जो आईटी रुल्स का उल्लंघन है। उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।