नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व प्रवक्ता और कार्यकारिणी के सदस्य मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपने एक वीडियो में तालिबान का स्वागत करते हुए भारतीय मुसलमानों की तरफ से उन्हें मुबारकबाद पेश की है। तालिबान के समर्थन वाले उनके इस वीडियो पर विवाद छिड़ने के डर से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इससे पल्ला झाड़ लिया है। बोर्ड ने इसपर सफाई देते हुए कहा है कि उसका इस वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है।
काबिलेगौर है कि मैलाना सज्जाद नोमानी ने वीडियो में कहा कि निहत्थे तालिबान ने दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका को हराकर काबुल पर अपनी हुकूमत कायम की है। मौलाना की इस वीडियो के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में हलचल मच गई है। बोर्ड की तरफ से एक ट्वीट करके बोर्ड ने मौलाना के बयान को अपने आप से अलग कर लिया है। बोर्ड का कहना है कि मौलाना का यह वीडियो उनका निजी मामला है। बोर्ड का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
15 अगस्त के दिन तालिबान के जरिए काबुल पर कब्जा किए जाने के बाद भारत में भी इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोगों के वीडियो और विचार गर्दिश कर रहे हैं। मौलाना सज्जाद नोमानी का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने तालिबान का समर्थन किया है और भारतीय मुसलमानों की तरफ से उनका स्वागत भी किया है। हालांकि मौलाना का यह वीडियो 2 दिन पूर्व वायरल किया गया है लेकिन आज मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से इस वीडियो से खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया गया है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेंट्रल दफ्तर से जारी किए गए एक ट्वीट में इस वीडियो को लेकर स्पष्टीकरण दिया गया है। बोर्ड ने कहा है कि मौलाना सज्जाद नोमानी के इस वीडियो से बोर्ड का कोई लेना देना नहीं है। मौलाना का वीडियो उनकी निजी राय है। बोर्ड ने अपने ट्विटर ट्वीट में साफ किया है कि बोर्ड का इस तरह कोई बयान या वीडियो अफगानिस्तान में तालिबान के समर्थन में में जारी नहीं किया गया है और ना ही किसी भी तरह की कोई टिप्पणी की गई है। इस संबंध में और अधिक जानकारी के लिए इस संवाददाता ने मौलाना सज्जाद नोमानी से संपर्क करने का प्रयास किया मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया है।