Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद स्थित धराली गांव में सोमवार रात भीषण बादल फटने की घटना ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। खीरगंगा में आई बाढ़ के चलते पूरे धराली बाजार में तबाही फैल गई। डीएम प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग मलबे में दबे हुए हैं।
चीख-पुकार के बीच गांव में घुसा पानी और मलबा
बादल फटने के बाद खीरगंगा में आया पानी का सैलाब तेज़ी से धराली गांव की ओर बढ़ा। इससे पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई। कई होटल, दुकानें और मकान मलबे में दब गए। होटल और बाजार क्षेत्र में पानी और मलबा घुसने से ज़बरदस्त नुकसान हुआ है।
एसडीआरएफ और सेना मौके पर, राहत कार्य जारी
घटना की सूचना मिलते ही आर्मी, हर्षिल पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें भटवाड़ी के लिए रवाना कर दी गईं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। स्थानीय प्रशासन की टीम भी मौके पर मौजूद है। मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है।
बनाल पट्टी में डेढ़ दर्जन बकरियां बहीं
मंगलवार सुबह बड़कोट तहसील के बनाल पट्टी क्षेत्र में भारी वर्षा के चलते कुड गदेरे में तेज बहाव आ गया। इसकी चपेट में आकर लगभग डेढ़ दर्जन बकरियां बह गईं। गदेरे के उफान पर आने से गांव में दहशत का माहौल बन गया।
10 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक रोहित थपलियाल ने बताया कि राज्यभर में 10 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा हो सकती है। इसी कारण देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिलों में स्कूलों को मंगलवार को बंद रखा गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव के सभी प्रयास तेज़ी से किए जा रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं।
राहत के लिए हेलिकॉप्टर की मांग
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने भारत सरकार से दो एमआई हेलिकॉप्टर और एक चिनूक हेलिकॉप्टर राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात करने का अनुरोध किया है। यह कदम स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
सड़कें भी बर्बादी की चपेट में
यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास लगभग 25 मीटर सड़क धंस गई, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। पहाड़ियों से गिरते बोल्डरों के कारण गंगोत्री हाईवे भी सुबह से दोपहर तक कई जगहों पर अवरुद्ध रहा। एनएच विभाग की मशीनें सड़क खोलने के कार्य में लगी हैं, लेकिन लगातार बारिश से काम में बाधा आ रही है।
आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी
उत्तरकाशी में बादल फटने की यह घटना केवल प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी प्रणाली को और मजबूत किया जाए। प्रशासन की तत्परता सराहनीय है, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक उपाय ज़रूरी हैं।
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