UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले श्रमिकों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, मेरठ और हापुड़ में रहने वाले निर्माण श्रमिकों को हर महीने ₹1000 का पोषण भत्ता देने की घोषणा की है। इस योजना से करीब पांच लाख पंजीकृत श्रमिकों को लाभ मिलेगा।
कैसे काम करेगी योजना?
यह योजना उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (BOCW) के माध्यम से लागू की जाएगी। राज्य सरकार ने बताया कि प्रदूषण और निर्माण कार्य रुकने के कारण श्रमिकों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, इस योजना को लागू किया गया है ताकि श्रमिकों की आर्थिक मदद की जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भत्ता श्रमिकों के खातों में सीधे ट्रांसफर किया जाएगा। पहले दो सप्ताह का भत्ता भेजा जा चुका है, और बाकी भत्ते की प्रक्रिया 18 नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इस योजना के लिए सरकार ने लगभग ₹200 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।
विशेष पंजीकरण शिविर
BOCW बोर्ड की सचिव गजल भारद्वाज ने सभी जिलों में श्रमिकों के पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। इन शिविरों में श्रमिकों को पंजीकरण करवाने और आवश्यक दस्तावेज जमा करने में मदद मिलेगी। इसके लिए श्रम विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा।
किन्हें मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ उन्हीं श्रमिकों को मिलेगा जो BOCW बोर्ड में पंजीकृत हैं। इसलिए, जो श्रमिक अभी तक पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें जल्द से जल्द पंजीकरण कराने की सलाह दी गई है।
प्रदूषण और श्रमिकों की समस्या
पिछले दिनों दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण अपने चरम पर था, जिससे निर्माण कार्य बंद कर दिए गए थे। इसके चलते कई श्रमिक बेरोजगार हो गए और उनकी आजीविका पर असर पड़ा। ऐसे में यह योजना श्रमिकों को आर्थिक राहत प्रदान करेगी।
एनसीआर में कितने पंजीकृत श्रमिक हैं?
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, एनसीआर में कुल 4,33,254 श्रमिक पंजीकृत हैं।
- गौतमबुद्ध नगर: 15,356
- गाजियाबाद: 46,016
- बुलंदशहर: 42,189
- बागपत: 24,553
- मुजफ्फरनगर: 1,09,924
- मेरठ: 1,42,254
- हापुड़: 36,962
कैसे करें पंजीकरण?
पंजीकरण के लिए श्रमिकों को विशेष शिविर में जाकर अपनी पहचान और कार्य से संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे। इनमें आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और निर्माण कार्य से जुड़े प्रमाण पत्र शामिल हैं।
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सरकार का उद्देश्य
योगी सरकार का उद्देश्य न केवल श्रमिकों को आर्थिक मदद प्रदान करना है, बल्कि उनके परिवारों की जरूरतों को भी पूरा करना है। यह योजना श्रमिकों के जीवन में स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।