UP News: इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच बढ़ती खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि, गठबंधन के नेता सार्वजनिक मंचों पर सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम इन दावों के विपरीत कहानी बयां कर रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में सोमवार को संसद भवन परिसर में हुई गतिविधियों ने इन अटकलों को और हवा दे दी।
संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन, TMC और सपा की गैरमौजूदगी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अडानी मामले को लेकर विपक्षी सांसदों के साथ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के साथ कई गठबंधन दल नजर आए, लेकिन तृणमूल कांग्रेस (TMC) और समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद इस विरोध में शामिल नहीं हुए। इन दोनों दलों की गैरमौजूदगी ने गठबंधन में आपसी दरार की अटकलों को और मजबूत किया है।
सीट बदलने के मुद्दे ने बढ़ाई खटास
बीते सप्ताह संसद में सांसदों की सीट बदलने के मुद्दे ने कांग्रेस और सपा के बीच नाराजगी को और बढ़ा दिया। मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने पहुंचे और अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
विवादित बयानों से बढ़ा तनाव
इस खींचतान के बीच बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर उद्धव ठाकरे गुट के एक नेता ने उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर दी, जिससे सपा ने नाराज होकर महा विकास अघाड़ी से अलग होने का ऐलान कर दिया। इसके बाद सपा नेता आईपी सिंह के एक पोस्ट ने विवाद को और बढ़ा दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “इन्होंने जिद कर ली है कि ये अब नहीं सुधरेंगे। जनता और विपक्षी दलों ने बहुत अवसर दिए, लेकिन इनमें नेतृत्व का अभाव है।”
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रामगोपाल यादव का बयान
सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने भी राहुल गांधी को लेकर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी अभी भी इंडिया गठबंधन के नेता नहीं हैं। राजनीति में कोई साधु-संत बनकर नहीं आता। कांग्रेस ने कहीं भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।” हालांकि, उन्होंने अंत में कहा, “गठबंधन जरूरी है और इसे कायम रखना चाहिए, क्योंकि बिना गठबंधन के बीजेपी को हराना संभव नहीं है।”
गठबंधन की मजबूरी या टूट की आहट?
इस पूरे घटनाक्रम ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या इंडिया गठबंधन अपनी राजनीतिक मजबूरी के कारण अभी एकजुट रहने की कोशिश कर रहा है, या फिर यह दरार भविष्य में गठबंधन की टूट का कारण बन सकती है? फिलहाल, राजनीतिक पंडित इस मुद्दे पर अपनी नजरें टिकाए हुए हैं।