Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को फिर से आवारा कुत्तों के मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि ज़्यादातर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अभी तक हलफनामा (affidavit) दाखिल नहीं किया है। इस मामले में कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया था और सभी राज्यों से जवाब मांगा था।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच — जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया — ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने साफ कहा कि देशभर में आवारा कुत्तों से जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और इससे विदेशों में भी भारत की छवि पर असर पड़ रहा है।
कोर्ट ने बताया कि अब तक सिर्फ दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के नगर निगमों ने ही हलफनामा दायर किया है। बाकी राज्यों ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया। इस पर नाराज होकर कोर्ट ने बाकी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किया है और कहा है कि वे 3 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हों।
यह भी साफ किया गया कि दिल्ली सरकार ने भी हलफनामा दाखिल नहीं किया है, इसलिए उसके मुख्य सचिव को भी कोर्ट के सामने पेश होना होगा।
कोर्ट ने कहा कि “ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन राज्य सरकारें गंभीरता नहीं दिखा रही हैं। कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा।”
अब देखना होगा कि 3 नवंबर की सुनवाई में राज्यों के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट को क्या जवाब देते हैं और आवारा कुत्तों की समस्या पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।
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