Stubble Burning Cases: भारत में दिवाली आने से पहले ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। दिवाली का त्योहार बीत जाता है, लेकिन प्रदूषण का असर लंबे समय तक बना रहता है। इसकी कई वजहें हैं, जिनमें से एक बड़ी वजह पराली जलाना है। इस मौसम में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं। सरकार इसके खिलाफ रोक लगाने की कोशिश करती है और कई लोगों पर कार्रवाई भी होती है, फिर भी यह समस्या कम नहीं होती। पराली जलाने के अधिकतर मामले पंजाब से सामने आते हैं, जहां इस पर नियंत्रण के लिए कई विभागों के साथ पंजाब पुलिस भी सक्रिय है।
पंजाब के 353 हॉटस्पॉट गांवों में पराली प्रोटेक्शन फोर्स (PPF) को तैनात किया गया है। करीब 1700 पुलिस जवान बठिंडा, फाजिल्का, फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना, मोगा, फरीदकोट, एसएएस नगर (मोहाली), मानसा, संगरूर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब और तरनतारन जैसे जिलों में खेतों पर नजर रख रहे हैं।
बता दें कि सरकार किसानों को पराली न जलाने के लिए समझा भी रही है, लेकिन जहां जरूरत है, वहां सख्ती भी की जा रही है। जो किसान फिर भी पराली जला रहे हैं, उनके खिलाफ केस दर्ज हो रहे हैं। अब तक 430 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा 98 केस तरनतारन में, 75 अमृतसर में, 53 फिरोजपुर में और 36 पटियाला में हुए हैं।
पराली प्रोटेक्शन फोर्स बनाने का फैसला एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) के निर्देशों के बाद लिया गया था। इस फोर्स में 550 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर शामिल हैं, जो जिला और ब्लॉक स्तर पर निगरानी कर रहे हैं।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, 15 सितंबर से 31 अक्टूबर के बीच राज्य में पराली जलाने के 1,642 मामले दर्ज किए गए हैं।
मुख्यमंत्री के जिले में सबसे ज्यादा मामले
जैसे-जैसे गेहूं की बुआई का समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को 224 नए केस सामने आए। लगातार तीसरे दिन सीएम भगवंत मान के जिले संगरूर में सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए — शुक्रवार को 63, वीरवार को 48 और बुधवार को 79।
तरनतारन में 44, बठिंडा और पटियाला में 15-15, फिरोजपुर और कपूरथला में 12-12, अमृतसर में 11, मोगा में 10, लुधियाना में 8, मानसा और जालंधर में 6-6, मोहाली में 4, बरनाला, मुक्तसर, गुरदासपुर में 3-3 और फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फाजिल्का व नवांशहर में 1-1 मामला दर्ज हुआ है।
तरनतारन सबसे आगे
PPCB के मुताबिक, 15 सितंबर से अब तक तरनतारन में 374 जगहों पर पराली जलाई गई, जो राज्य में सबसे ज्यादा है। इसके बाद संगरूर (281 मामले) और अमृतसर (197 मामले) का नंबर आता है।
सरकार का कहना है कि सख्त निगरानी और किसानों को जागरूक करने से जल्द ही इन मामलों में कमी आएगी, ताकि पंजाब की हवा साफ रह सके और किसानों को भी कोई नुकसान न झेलना पड़े।
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