लोकसभा चुनाव के बीच SP के विधायक रफीक अंसारी को बाराबंकी से मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी करने के बाद, सपा विधायक को मेरठ पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तार कर लिया है।
हाई कोर्ट द्वारा गैर जमानती वारंट जारी
यह दूसरी बार है जब मेरठ शहर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले SP विधायक रफीक अंसारी को किसी पुराने मामले में 100 से अधिक नोटिस का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी वो अदालत में पेश नहीं हुए। इस पर नाराजगी जताते हुए हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए बाराबंकी पुलिस ने उसे जैतपूर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
30 साल पुराने मामले में हुई SP विधायक की गिरफ्तारी
1995 में रफीक अंसारी और अन्य पर एक मामले में आरोप लगा था। मामले में अन्य आरोपी अदालत में पेश हुए, लेकिन सपा विधायक अदालत में पेश नहीं हुए। जिसके बाद कोर्ट मामले में अंसारी के खिलाफ वारंट जारी करता रहा। जब कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया तो सपा विधायक ने एनबीडब्ल्यू और एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोर्ट में पेश नहीं होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई
कोर्ट ने विधानसभा के प्रमुख सचिव, डीजीपी और गृह विभाग के प्रमुख सचिव को रफीक अंसारी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि अंसारी विधानसभा की कार्यवाही में कैसे भाग ले रहे थे जबकि उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट था। इसके बाद एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने एडीजी मेरठ जोन को इस मामले में गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। एम.एल.ए. में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत एक आपराधिक मामले में रफीक अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत वारंट जारी किए गए थे। मेरठ. 1995 में रफीक अंसारी और लगभग 35-40 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।