Sharmishtha Panoli Arrested: 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने देशभर में बहस छेड़ दी है। ऑपरेशन सिंदूर पर बनाए एक वीडियो के बयान के चलते कोलकाता पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया।
किस मामले में हुई गिरफ्तारी?
शर्मिष्ठा पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक वीडियो में अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया। सोशल मीडिया पर वारिस पठान समेत कई नेताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
शर्मिष्ठा ने पहले ही मांग ली थी माफी
15 मई को शर्मिष्ठा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर माफीनामा जारी करते हुए लिखा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी। बावजूद इसके, गिरफ्तारी की मांग बढ़ती गई।
Sharmishtha Panoli Arrested, पुलिस का पक्ष
30 मई को कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर अलीपुर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि उन्हें कानूनी नोटिस भेजा गया था, लेकिन वे अनुपलब्ध रहीं, इसलिए कोर्ट से वारंट जारी कर गिरफ्तारी की गई।
Sharmishtha Panoli Arrested, किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला?
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की इन धाराओं में मामला दर्ज किया गया:
- धारा 196(1)(A): धर्म के आधार पर दुश्मनी भड़काना
- धारा 299: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से कार्य
- धारा 352: जानबूझकर अपमान जो शांति भंग कर सकता है
- धारा 353(1)(C): सार्वजनिक शरारत को उकसावा
बीजेपी ने उठाए तुष्टिकरण के सवाल
बीजेपी नेताओं ने पश्चिम बंगाल सरकार पर हिंदू आवाजों को दबाने का आरोप लगाया। सुवेंदु अधिकारी, अमित मालवीय और कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा के समर्थन में बयान दिए। वहीं समाजवादी पार्टी के अबू आज़मी ने सख्त कानून की मांग की।
अदालत के बाहर शर्मिष्ठा का बयान, “ये लोकतंत्र नहीं है”
अदालत से निकलते वक्त शर्मिष्ठा ने मीडिया से कहा, “जिस तरह से मुझे टारगेट किया गया, यह लोकतंत्र नहीं है।” उनके इस बयान के बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन की बहस और तेज हो गई।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया भी आई समर्थन में
BCI अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मनन मिश्रा ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि बिना शर्त माफी के बाद भी गिरफ्तारी न्यायिक प्रणाली की विफलता है।
विदेश से भी समर्थन
नीदरलैंड के सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को फ्री स्पीच के खिलाफ बताया और प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि वह उनकी रिहाई सुनिश्चित करें।
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