Prashant Kishore: जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आखिरकार अपने चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। बुधवार, 3 सितंबर 2025 को एक डिजिटल चैनल के कॉन्क्लेव में उन्होंने घोषणा की कि वे बिहार की रोहतास जिले की करगहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
फिलहाल करगहर सीट से कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से जेडीयू के वशिष्ठ सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे। प्रशांत किशोर की इस घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज़ हो गई हैं, खासकर करगहर के मौजूदा विधायक के लिए यह खबर किसी राजनीतिक चुनौती से कम नहीं।
“जन्मभूमि या कर्मभूमि से लड़ना चाहिए” – प्रशांत किशोर
घोषणा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “किसी को भी अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि से चुनाव लड़ना चाहिए।” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि “नीतीश कुमार तो चुनाव लड़ते नहीं, वरना मैं उन्हीं की सीट से चुनाव लड़ता।”
उन्होंने तेजस्वी यादव को लेकर भी टिप्पणी की और कहा, “तेजस्वी यादव राघोपुर से ही लड़ेंगे, और कहां से लड़ेंगे?” वहीं जब खुद के चुनाव लड़ने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह जन सुराज पार्टी का सामूहिक फैसला होगा। हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर करगहर से नहीं लड़ते हैं, तो राघोपुर से लड़ सकते हैं।
करगहर का जातीय समीकरण क्या कहता है?
करगहर विधानसभा सीट का चुनावी गणित पूरी तरह जातीय समीकरणों पर निर्भर है। यहां कुर्मी, रविदास और ब्राह्मण समुदाय की संख्या सबसे अधिक है, जो कि किसी भी प्रत्याशी के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
जातीय आंकड़े (लगभग)
- कुर्मी – 40,000
- रविदास – 32,000
- ब्राह्मण – 30,000
- यादव – 30,000
- वैश्य – 20,000
- कुशवाहा – 20,000
- राजपूत – 15,000
- पासवान – 14,000
- नोनिया – 12,000
- भूमिहार – 8,000
- अन्य – 18,000
इस तरह से देखें तो करगहर में ब्राह्मण बहुलता है और इसी वजह से पिछली बार संतोष मिश्रा को जीत हासिल हुई थी। लेकिन अब प्रशांत किशोर के मैदान में उतरने से समीकरण बदल सकते हैं।
“जन सुराज वोटकटवा पार्टी है” – जेडीयू
प्रशांत किशोर की राजनीतिक एंट्री और जन सुराज पार्टी की सक्रियता से जेडीयू बेचैन दिख रही है। बुधवार को सीतामढ़ी में जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने तीखा हमला बोलते हुए कहा “जन सुराज वोटकटवा पार्टी है। इन्हें एक भी सीट नहीं मिलने वाली। चाहे जितना लाभ कार्ड बांट लें, लोग उसे नाले में फेंक देंगे। “उन्होंने आरोप लगाया कि जन सुराज लाभ कार्ड के नाम पर जनता को भ्रमित कर रही है, लेकिन जनता सब जानती है और समय आने पर जवाब देगी।
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