सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya) अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में रहते हैं एक बार फिर हिंदू राष्ट्र पर मौर्य ने प्रहार किया है दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य बांदा में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे जहां उन्होनें ये कह दिया कि भारत-पाक का बंटवारा जिन्ना की वजह से नहीं बल्कि हिंदू महासभा के कारण हुआ।
हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले लोग देश के दुश्मन ( Swami Prasad Morya)
स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya) केवल यहीं तक चुप नहीं रहे उन्होनें हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों को दुश्मन कह डाला साथ ही ये भी कहा कि जब नारा दिया जाता है कि हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई आपस में भाई भाई लेकिन हिंदू जब अपने राष्ट्र की बात की बात करेगा तो मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन, बौद्ध अपने राष्ट्र की बात क्यों नहीं कर सकता? केवल हिंदू ही अपने राष्ट्र की बात कर रहा है और देश के लिए दुश्मन भी यही है।
हिंदू धर्म को Swami Prasad Maurya दे चुके हैं गाली
ये पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya) ने हिंदू राष्ट्र को लेकर इस तरह का विवादित बयान दिया हो इससे पहले हरदोई में मौर्य ने हिंदू धर्म को गाली तक दे डाली थी कि फारसी में हिंदू का मतलब होता है नीच और चोर साथ ही हिंदू देवी-देवताओं पर भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने अभद्र टिप्पणी कर डाली थी। स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म का हमेशा से अपमान करते हुए आए हैं उनका मानना है कि हिंदू धर्म केवल एक धोखा है।
हिंदू मंदिरों और रामचरितमानस पर भी विवादित बयान देकर बवाल मचा चुके हैं मौर्य
वहीं जब बाबा बागेश्वर के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर प्रचार किया था तब भी स्वामी प्रसाद ( Swami Prasad Maurya) ने कहा था कि भारत ना कभी हिंदू राष्ट्र था और ना कभी बन पाएगा। हिंदू मंदिरो को लेकर भी सपा के महासचिव मौर्य ने कहा था कि बौद्ध मंदिरो को तोड़कर हिंदू मंदिर बनाए गए सबसे पहले बौद्ध धर्म आया उसके बाद ईसाई धर्म आया, फिर इस्लाम उसके बाद तमाम धर्म, पंथ पैदा हुए। उन्होंने ने रामचरितमानस को लेकर भी विवाद खड़ा किया था ये कह कि तुलसीदास द्वारा लिखी हुई ये रामचरितमानस तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखी इसमें सब बकवास है और पुस्तक बैन हो जानी चाहिए क्योंकि उन्होनें पुस्तक में शुद्रों जाति को अधर्म जाति होने का सर्टिफिकेट दिया है इस बयान पर खूब बवाल मचा था।