PAK-Afghanistan Tensions: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे विवाद में एक बार फिर उबाल आ गया है। शुक्रवार की रात दोनों तरफ के सुरक्षा बलों के बीच सीमा पर भारी फायरिंग हुई, जिससे कुछ समय पहले लागू हुआ युद्धविराम संदेह के घेरे में आ गया। हालांकि अभी तक किसी हताहत की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन यह घटना दोनों देशों के बिगड़ते रिश्तों का संकेत है।
चमन–स्पिन बोलदक बॉर्डर पर गूंजी गोलियों की आवाज़
जानकारी के अनुसार गोलीबारी चमन और स्पिन बोलदक के संवेदनशील बॉर्डर पॉइंट पर हुई। पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी मोहम्मद सादिक का कहना है कि फायरिंग की शुरुआत अफगान बलों ने की, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की।
इसके विपरीत, तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद का दावा है कि सबसे पहले पाकिस्तान ने हमला किया था, और अफगान सैनिकों ने केवल अपनी सुरक्षा के लिए फायरिंग की। दोनों देशों के बयान पूरी तरह से अलग तस्वीर पेश करते हैं।
दावे, आरोप और जवाबी बयानबाज़ी
CNN की रिपोर्ट में अफगान सीमा पुलिस के प्रवक्ता अबिदुल्लाह फारूकी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने सबसे पहले हैंड ग्रेनेड फेंककर संघर्षविराम की अवहेलना की। उनके अनुसार अफगान बल युद्धविराम बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, परंतु हमले का जवाब देना आवश्यक था।
दूसरी ओर, पाकिस्तान का कहना है कि अफगान तालिबान ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी शुरू की। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि वे पूरी सतर्कता के साथ सीमा सुरक्षा को सुनिश्चित कर रहे हैं।
अक्टूबर की झड़पों के बाद भरोसा लगातार कमजोर
दोनों देशों के बीच विवाद पिछले कई महीनों से बढ़ रहा है। अक्टूबर में हुई हिंसक भिड़ंत में कई नागरिकों और सैनिकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद कतर की मध्यस्थता में फायरिंग रोकने पर सहमति बनी थी।
इस्तांबुल में हुई शांति वार्ताएँ भी किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकीं। इसी वजह से तनाव लगातार बना रहा और अब एक बार फिर सीमा पर संघर्ष सामने आ गया है।
पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता
पाकिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान तालिबान (TTP) को आतंकी हमलों का जिम्मेदार मानता रहा है। भले ही TTP और अफगान तालिबान दो अलग-अलग संगठन हैं, लेकिन दोनों के बीच संबंधों से हमेशा विवाद बढ़ता है।
पाकिस्तान का कहना है कि 2021 में तालिबान शासन वापस आने के बाद TTP के कई सदस्य अफगान क्षेत्र में शरण लिए हुए हैं। इससे पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ और गंभीर हो गई हैं। हालांकि अफगानिस्तान इन आरोपों को खारिज करता है।
बढ़ती झड़पों से बिगड़ता माहौल
बॉर्डर पर बार-बार हो रही फायरिंग यह संकेत दे रही है कि दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी एक बार फिर गहराती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार जब तक दोनों सरकारें TTP, सीमा सुरक्षा और आतंकवादी गतिविधियों पर स्पष्ट बातचीत नहीं करतीं, तब तक स्थिरता की उम्मीद कम है।
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