Noida Nithari Kand: नोएडा के चर्चित निठारी कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम औऱ बड़ा फैसला सुनाया है। निठारी कांड में दोषी करार दिए गए मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को तमाम मामलों में बरी कर दिया है। इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को मिली फांसी की सजा को भी रद्द कर दिया.
गौरतलब है कि गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने निठारी कांड में सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. लेकिन अब हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को इन मामलों में बरी कर दिया है. हाई कोर्ट के इस फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा है. बता दें कि हाई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को 12 और मनिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में मिली फांसी की सजा को रद्द किया है।
क्या है निठारी कांड ?
साल 2006, तारीख 29 दिसंबर को राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पंढेर के घर के पीछे के नाले से पुलिस ने 19 मानव कंकाल बरामद किए थे. इन 19 में से 17 मामलों में पंढेर और कोली के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की गई थी. बता दें कि यह मामला साल 2006 -2007 के बीच का है. जब एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत नोएडा के सेक्टर 20 थाने में दर्ज कराई थी.
शिकायत के बाद जब पुलिस ने इसकी जांच की तो निठारी कोठी नंबर डी-5 के रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढ़ेर की कोठी के पीछे स्थित नाले से कई मानव कंकाल बरामद हुए. इन कंकालों में कई बच्चों के मानव कंकाल भी शामिल थे. जिसके बाद कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि मानव कंकाल मिलने के बाद यह मामला देश भर में चर्चा में आ गया. इस खबर के फैलते ही पूरे इलाके में हड़ंकप मच गया.
हत्या कर शव खाने का आरोप
बहरहाल, दोनों आरोपी अब तक कानून के शिकंजे में हैं. कोली को इस मामले से जुड़े अलग अलग केसों में 14 बार फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर का नौकर सुरिंदर कोली कोठी का केयरटेकर भी था. उस पर कोठी में लड़कियों को लाने और गायब करने का गंभीर आरोप हैं.
बता दें कि साल 2006 से 2007 के बीच में निठारी गांव से दर्जनों की संख्या में लड़कियां गायब हो गईं थी. इतना ही नहीं यह भी आरोप थे कि वह छोटे-छोटे बच्चों को भी किसी न किसी बहाने से बुलाता था और उसकी हत्या करके अंगों का तस्करी करता था. जो भी लड़कियां कोठी में आती थी उसके साथ रेप करता और उसकी हत्या कर देता था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोली शवों को टुकड़ों में काटता था, पकाता था और खा जाता था और कंकाल को नालों में फेंक दिया करता था. जांच के दौरान कोठी के पीछे स्थित नाले में कंकाल के अवशेष भी पाए गए. डीएनए परीक्षण से भी यह साबित हुई कि नाले में मिली कंकाल कई लापता लड़कियों के अवशेष थे।
अब तक क्या क्या हुआ ?
29 दिसंबर 2006 को बच्चों और लड़कियों के कंकाल मिलने के बाद पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को गिरफ़्तार किया गया. 30 दिसंबर 2006 को सीबीआई ने मानव कंकाल के कुछ हिस्से और 40 ऐसे पैकेट बरामद किए जिनमें मानव अंगों को भरकर नाले में फेंक दिया गया था. बता दें कि इस मामले में दो पुलिस कांस्टेबल को भी बर्खास्त किया गया था. इसके बाद साल 2007 तारीख 5 जनवरी को पंढेर और कोली को पुलिस ने नार्को टेस्ट के लिए गांधीनगर ले गई. फिर 10 जनवरी साल 2007 को सीबीआई ने पंढेर और कोली से पूछताछ की.