Noida News: नोएडा मे डेंगू और मलेरिया का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हैं। जो लोगों के बीच चिंता का विषय बन गया हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, जिले में डेंगू के मामलों की संख्या बढ़कर 91 हो गई है, साथ ही 13 दिनों में डेंगू के नए 56 मामले सामने आए है। इस बीच, मलेरिया के मामलों की संख्या भी इस वर्ष पिछले साल की तुलना में दोगुनी होकर 85 तक पहुंच गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ गई है।
10,600 से अधिक हो चुके है डेंगू परीक्षण
नोएडा में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभी तक स्वास्थ्य अधिकारियों दवारा ने 10,600 से अधिक डेंगू के परीक्षण हो चुके हैं।साथ जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डेंगू के मामलों में इस तेजी के पीछे मच्छरों के प्रजनन स्थलों का सक्रिय रूप से पता लगाया जा रहा है। कई आवासीय सोसायटियों और घरों को इन स्थितियों को अनदेखा करने के कारण जुर्माना भी झेलना पड़ा है। और स्थानीय अस्पतालों में फ्लू जैसे लक्षणों वाले रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में 350 से अधिक रोगियों का इलाज किया गया, जिनमें से कई में प्लेटलेट्स की कमी पाई गई, जो डेंगू का एक सामान्य लक्षण है। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का मानना है कि डेंगू के असली मामलों की संख्या सरकारी रिपोर्टों से कहीं अधिक हो सकती है।
पिछले साल भी चर्म पर था डेंगू
पीछले साल भी डेंगू का खतरा चर्म पर था। पिछले साल भी डेंगू के कई मामले देखने को मिले थे। जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा का कहना हैं कि कई निजी अस्पताल रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) का उपयोग कर रहे हैं, जो डेंगू के निदान में केवल 60 प्रतिशत दक्षता प्रदान करते हैं। अधिक विश्वसनीयता के लिए नमूनों को सरकारी प्रयोगशालाओं में भेजा जा रहा है। पिछले वर्ष, नोएडा में 993 डेंगू मामलों की सूचना मिली थी, जिसके परिणामस्वरूप मच्छरों के लार्वा पाए जाने के स्थलों पर 16,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
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नोएडा के कई सेक्टर हैं प्रभावित
डेंगू से नोएडा के कई क्षेत्र प्रभावित जिनमें डेंगू का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ता नजर आ रहा हैं नोएडा के सेक्टर 35, सेक्टर 53, केंद्रीय विहार, सेक्टर 22 और किशोरपुर, साथ ही ग्रेटर नोएडा के बीटा 1, गामा 1 और जीटा 1 स्थानों पर सबसे ज्यादा डेंगू का खतरा देखने को मिल रहा हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग अब सक्रिय उपायों के माध्यम से इस स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा है, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सके।