Noida: आयकर विभाग ने मंगलवार को लखनऊ की रियल एस्टेट कंपनी एमआई बिल्डर्स और नोएडा में पूर्व आईएएस अधिकारी राकेश बहादुर के आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई जेपी ग्रीन टाउनशिप में स्थित बहादुर के विला में पुलिस की मौजूदगी में की गई, जहां टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी ली। सूत्रों के अनुसार, बहादुर ने अपनी काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा एमआई बिल्डर्स में निवेश किया था। गौरतलब है कि बहादुर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों में कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं।
बयानों की पूछताछ और दस्तावेजों की बरामदगी
सूत्रों के मुताबिक, एमआई बिल्डर्स के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान बहादुर के नोएडा विला का सुराग लगते ही आयकर विभाग ने सर्च वारंट लेकर उनकी संपत्तियों की जांच शुरू कर दी। जांच में करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति और निवेश से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। विभाग ने पूर्व आईएएस अधिकारी बहादुर से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं।
एमआई बिल्डर्स संचालक से व्यापारिक संबंधों पर पूछताछ
एमआई बिल्डर्स के मालिक मोहम्मद कादिर अली से भी बहादुर के साथ उनके व्यापारिक संबंधों को लेकर लखनऊ में पूछताछ जारी है। प्रारंभिक जांच में दोनों के बीच 100 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय लेन-देन के प्रमाण मिले हैं। विभाग का मानना है कि संपत्ति दस्तावेजों की गहन समीक्षा के बाद इन लेन-देन के और प्रमाण सामने आ सकते हैं।
लाटूश रोड के प्रमुख कारोबारियों और वेंडरों पर भी छापेमारी
आयकर विभाग ने एमआई बिल्डर्स को निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाले वेंडरों और लखनऊ के लाटूश रोड के तीन प्रमुख कारोबारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। इनमें बिजली उत्पादों की एक प्रमुख फर्म भी शामिल है, जहां से करोड़ों रुपये के नकद लेन-देन और हजारों की संख्या में फर्जी बिल बरामद हुए हैं। इन बिलों के जरिए बड़े पैमाने पर कर चोरी किए जाने के सबूत मिले हैं। अंकुर ट्रेडर्स के ठिकानों पर भी कार्रवाई कर आयकर टीम ने आवश्यक दस्तावेज अपने कब्जे में लिए।
नोएडा भूमि घोटाले में भी शामिल था बहादुर का नाम
बसपा सरकार के कार्यकाल में बहादुर का नाम चर्चित नोएडा भूमि घोटाले में भी सामने आया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने बहादुर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दूर रखने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में सपा सरकार के कार्यकाल में बहादुर को फिर से नोएडा में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया।
ये भी पढ़ें..
जांच जारी, और सुराग मिलने की संभावना
आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस जांच में अभी और कई अन्य खुलासे होने की संभावना है। एमआई बिल्डर्स और इससे जुड़े अन्य साझेदारों की वित्तीय गतिविधियों की गहराई से जांच की जा रही है, ताकि कर चोरी और संपत्ति छुपाने जैसे मामलों पर कार्रवाई की जा सके।