Noida : नोएडा में किसानों द्वारा अधिग्रहित जमीन के मुआवजे समेत अन्य मांगों को लेकर चल रहे धरने में मंगलवार को नया मोड़ आया। पुलिस द्वारा किसानों को हिरासत में लिए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया, जिससे किसानों के आंदोलन को लेकर स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। इस घटनाक्रम के बाद भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने अपने गांव सिसौली में एक आपात बैठक बुलायी, जिसमें आंदोलन को तेज़ी से आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा की गई।
किसानों की मुख्य मांग
किसान लगातार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के तहत आने वाले गांवों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, अधिग्रहण के समय निर्धारित मुआवजा उनकी भूमि की वास्तविक कीमत से बहुत कम था, और अब उन्हें उचित मुआवजा देने की जरूरत है।
दो दिन पहले नोएडा से दिल्ली जाने का प्रयास
दो दिन पहले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर नोएडा में एक बड़ा प्रदर्शन किया था। किसान दिल्ली मार्च करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन नोएडा (Noida) में पुलिस ने उन्हें रोक लिया और सीमा पर हंगामा हुआ। इसके बाद प्रशासन के साथ बातचीत के बाद दिल्ली जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। प्रदर्शनकारियों को अंततः नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर शांति से धरना देने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, मंगलवार को पुलिस ने धरने पर बैठे किसानों को हिरासत में लेकर उन्हें अन्य स्थानों पर भेज दिया, जिससे आंदोलन को लेकर किसानों के बीच रोष फैल गया।
चौधरी नरेश टिकैत का आह्वान
किसानों को हिरासत में लेने की घटना के बाद भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सिसौली में एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बुधवार सुबह आस-पास के जिलों के किसान परतापुर में इकट्ठा होंगे और फिर नोएडा के लिए रवाना होंगे। टिकैत ने किसानों से अपील की कि वे घर से जल्दी निकलें और यदि रास्ते में उन्हें कोई रोकता है तो वे उस स्थान पर शांतिपूर्वक बैठ जाएं। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की संख्या कम रही, तो यह आंदोलन की हार होगी।
आंदोलन को तेज़ करने की रणनीति
बैठक के दौरान भाकियू नेता गौरव टिकैत ने स्पष्ट किया कि यह चर्चा मुख्य रूप से सुझाव देने और नोएडा आंदोलन को तेज करने के लिए थी। किसानों ने सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद और आगरा मंडल से नोएडा के जीरो प्वाइंट, ग्रेटर नोएडा तक पहुंचने का आह्वान किया। टिकैत ने यह भी कहा कि आंदोलन को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा और किसानों का समर्थन जुटाने के लिए पूरे इलाके में सक्रियता बढ़ाई जाएगी।
भविष्य की योजना
किसानों के इस बढ़ते आंदोलन ने प्रशासन और सरकार (Noida) के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। किसानों की बढ़ती संख्या और उनके संघर्ष को देखते हुए यह स्पष्ट है कि इस मुद्दे का समाधान जल्द नहीं निकलने वाला है। फिलहाल, किसान मुआवजे की राशि बढ़ाने और उनकी अन्य मांगों के प्रति सरकार के रवैये को लेकर काफी नाखुश हैं। ऐसे में इस आंदोलन के आगे बढ़ने की संभावना बनी हुई है और इसके राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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