Noida: नोएडा में किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। रविवार रात 20 से ज्यादा गांवों में पंचायतें आयोजित हुईं, जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। इसके बाद कई किसानों ने वीडियो जारी किए, जिससे नोएडा पुलिस अलर्ट हो गई है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 20 से ज्यादा लोगों को नजरबंद कर दिया है। इनमें सुमित तंवर और कपिल तंवर भी शामिल हैं।
पुलिस और किसान आमने-सामने
पुलिस ने आंदोलन को रोकने के लिए कमर कस ली है, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन समाप्त नहीं होगा। उन्होंने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
एक लाख किसान होंगे दिल्ली कूच में शामिल
किसानों ने सोमवार दोपहर 12 बजे ग्रेटर नोएडा से दिल्ली कूच की योजना बनाई है। बताया जा रहा है कि इस आंदोलन में करीब एक लाख से ज्यादा किसान शामिल होंगे, जिनमें 30 हजार महिलाएं भी होंगी। आंदोलन को लेकर रविवार रात से ही गांव-गांव में पंचायतें चलीं।
महिलाओं ने भी संभाला मोर्चा
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता सुनील प्रधान के अनुसार, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र के बादलपुर, मायचा, धूममानिकपुर, दनकौर, जेवर और सैनी जैसे गांवों में महिलाओं ने रातभर बैठकें कीं। उन्होंने फैसला लिया कि वे अपने घर का काम छोड़कर आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेंगी।
वार्ता विफल, नाराज किसान बोले- अब दिल्ली कूच
रविवार को जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ किसानों की तीन घंटे लंबी वार्ता हुई। लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अधिकारियों ने समस्या समाधान का आश्वासन दिया, जबकि किसान तत्काल समाधान की मांग कर रहे थे। वार्ता विफल होने के बाद किसान नाराज होकर बैठक से चले गए और दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया।
किसानों की प्रमुख मांगें
- चार गुना मुआवजा: गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए किसानों को चार गुना मुआवजा दिया गया, जबकि गौतमबुद्ध नगर के किसानों को इस लाभ से वंचित रखा गया।
- सर्किल रेट में बढ़ोतरी: पिछले 10 वर्षों से सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है।
- नए कानून के लाभ: भूमि अधिग्रहण कानून और हाई पावर कमेटी की सिफारिशों का लाभ जिले में लागू करना।
- 10 फीसदी विकसित भूखंड: किसानों को विकसित भूखंड देने की मांग।
पुलिस और प्रशासन की तैयारी
किसानों की दिल्ली कूच की योजना को देखते हुए पुलिस ने भी सख्त तैयारी कर ली है। आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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आंदोलन पर सबकी नजर
किसानों का यह आंदोलन अब बड़ी चुनौती बन गया है। देखना होगा कि प्रशासन और किसान इस गतिरोध को किस तरह समाप्त करते हैं।