Noida: नोएडा में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों ने लोगों को परेशान कर दिया है। ठगी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, जिससे आम जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। खासतौर पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ नामक ठगी का तरीका, जिसमें ठग नकली वर्दी पहनकर पुलिस अधिकारी बन जाते हैं और फर्जी थाने का वीडियो दिखाकर लोगों को डराकर पैसे वसूलते हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने इसे उत्तर प्रदेश की डिजिटल सुरक्षा पर एक गंभीर सवाल करार दिया।
अखिलेश यादव का बयान
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
“‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे ठगी के तरीक़े से कोई नकली वर्दी में पुलिस बनकर बात ही नहीं करता है बल्कि वीडियो पर झूठा थाना बनाकर, दिखाकर और धमकाकर ऑनलाइन पैसे भी वसूल लेता है। भाजपा सरकार क्या इसी ‘डिजिटल इंडिया’ को विकसित करने की बात करती है? उप्र की पुलिस (सच्ची पुलिस) से अपील है कि नोएडा में ठगे गये परिवार का पूरा पैसा वापस करवाए और ठगों को पकड़े। नहीं तो जनता अपना नारा देगी : डिजिटल हैं तो अनसेफ़ हैं।“
सवालों के घेरे में पुलिस प्रशासन
अखिलेश यादव ने पुलिस और सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं:
- जब पैसा एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर हो रहा है, तो अपराधियों को पकड़ा क्यों नहीं जा रहा?
- जिन खातों में पैसा जा रहा है, क्या उनके लिए कोई केवाईसी (KYC) प्रक्रिया लागू नहीं है?
- आम जनता को केवाईसी के लिए परेशान किया जाता है, जबकि अपराधियों को पूरी छूट क्यों है?
- ऐसी घटनाएं केवल भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही क्यों बढ़ रही हैं?
- क्या यह किसी बड़े सरकारी गोरखधंधे का हिस्सा है?
पुलिस से की अपील
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश पुलिस से ठगे गए परिवारों को उनका पैसा वापस दिलाने और अपराधियों को जल्द गिरफ्तार करने की अपील की है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जिले में स्पेशल साइबर थाना होने के बावजूद ऐसे मामले बार-बार सामने क्यों आ रहे हैं।
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नोएडा में डिजिटल ठगी के बढ़ते मामले
नोएडा और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे मामलों में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।