MP Assembly Election Result 2023: भारत का दिल कहे जाने वाले देश का वो सूबा जहां पर चुनाव हुआ तो क्षेत्रिय नेताओं को चेहरा बनाने की जगह केंद्रीय नेतृत्व ने अहम भूमिका निभाई। प्राधनमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव में वोट होगा तो उम्मीदवार को कमल का फूल होगा। हालांकि सूबे में कहा जा रहा था कि सत्ता विरोधी लहर का फायदा कांग्रेस को होगा लेकिन आज नतीजों के दिन रूझान जो बता रहा हैं वो ठीक उल्ट है। जहां एक ओर बिना किसी सीएम के चेहरे के साथ बीजेपी चुनावी मैदान में उतरी वहीं दूसरी ओर एंटी इनकम्बेंसी भी कुछ खास असर दिखाने में विफल रही है।
दो-तिहाई बहुमत से भी अधिक सीटें
भाजपा को सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही प्रदेश में 160 सीटों से ज्यादा सीटें आ रही है। बता दें कि 230 विधान सभा वाले मध्य प्रदेश में 153 सीट दो-तिहाई बहुमत है। वहीं भाजपा को रूझानों में कुल 161 सीटें मिलती दिख रही हैं जो कि दो-तिहाई के आंकड़ों से भी काफी ज्यादा है। एक ओर ये भी आरोप लगाए जा रहे थे कि भाजपा को इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया के वजह से काफी नुकसान हो सकता है। हालांकि इन सबके इतर भाजपा ने एक बड़ा बहुमत को अपने ओर आकर्षत कर रही है। कर्नाटक और हिमाचल में जहां एक ओर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी और कहा जा रहा था कि ये इंडिया गठबंधन की भी जीत है।
गठबंधन के अंदर क्या हालात होंगे ?
इंडिया गठबंधन के हालात सभी चार राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद देखना दिलचस्प होगा। ये देखने वाली बात होगी कि नतीजे आने के बाद गठबंधन के अंदर क्या हालात होंगे। यूपी में हुए उप-चुनावों में इंडिया का लिटम्स टेस्ट माना जा रहा था और घोसी उप-चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद इंडिया गठबंधन ने कहा कि ये जीत भाजपा के ऊपर इंडिया गठबंधन की है। बता दें कि इंडिया गठबंधन का असर कुछ खास दिखा नहीं मध्य प्रदेश के चुनावों में बल्कि इससे ठीक उल्टा होता हुआ दिख रहा है। चुनाव के बीच में हमने देखा कि कैसे इंडिया में फूट पड़ रही थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस के खिलाफ काफी बयानबाजी की, इसका भी असर कहीं न कहीं चुनाव में देखने को मिल रहा है।
ब्रांड मोदी का जादू
ब्रांड मोदी का जादू बताया जा रहा था कि फीका पड़ गया था। दरअसल कर्नाटक और हिमाचल में हार के बाद से ही लोगों और आलोचकों ने मोदी मैजिक पर सवालिया- निशान खड़ा करना शुरू कर दिया था। इसका भी असर देखने को मिला ना केवल मध्य प्रदेश में बल्कि तीन-तीन राज्यों के नतीजों में, एक तरफ जहां कांग्रेस ने तीनों ही राज्य में लोकल लीडरशिप पर फोकस वहीं बीजेपी ने पीएम मोदी पर एक बार फिर से भरोसा जताया और नतीजे उनके पक्ष में आए।