Meerut Medical College: मेरठ स्थित एनसीआर मेडिकल कॉलेज ने एमबीबीएस की 150 सीटों के बजाय 200 सीटें प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के समक्ष फर्जी दस्तावेज पेश किए। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि कॉलेज प्रबंधन ने इस अतिरिक्त मान्यता को हासिल करने के लिए फर्जी फैकल्टी, नकली मरीज और बायोमेट्रिक हेराफेरी जैसे हथकंडे अपनाए।
कॉलेज की ओर से यह दिखाने की कोशिश की गई कि सभी मानदंड पूरे कर दिए गए हैं, जबकि मौके पर निरीक्षण करने पर बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी पाई गई। यही नहीं, फेक डॉक्टर्स की उपस्थिति को वैध दिखाने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम में छेड़छाड़ की गई और इलाज के नाम पर ऐसे मरीज दिखाए गए जो वास्तव में मौजूद ही नहीं थे।
35 लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर
इस घोटाले में सीबीआई ने डॉ. शिवानी अग्रवाल सहित कुल 35 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आरोप है कि डॉ. शिवानी ने कॉलेज की सह-प्रबंध निदेशक के रूप में एनएमसी को गुमराह करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
सीबीआई का कहना है कि यह केवल मान्यता बढ़ाने का प्रयास नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक संगठित धोखाधड़ी थी जिसमें कॉलेज प्रशासन की मिलीभगत थी। एफआईआर में डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का नाम नहीं है, लेकिन उन्हें भी एफआईआर की प्रति सौंपी गई है।
छापेमारी में मिले अहम दस्तावेज, डॉ. शिवानी अंडरग्राउंड
30 जून को एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम ने 2 जुलाई को कॉलेज और डॉ. शिवानी अग्रवाल के निवास पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं जो मामले की तह तक जाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, छापे में बरामद कागजातों से कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। फिलहाल, डॉ. शिवानी अग्रवाल जांच के बाद से कॉलेज नहीं आ रही हैं, जिससे उनकी भूमिका पर और भी संदेह गहराता जा रहा है।
कानूनी मोर्चे पर तैयारी, गिरफ्तारी की आशंका
सीबीआई की ओर से पूछताछ और गिरफ्तारी की संभावना के बीच, डॉ. शिवानी और उनके परिवार ने कानूनी सलाह लेनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि वे वरिष्ठ वकीलों की टीम के संपर्क में हैं और अग्रिम जमानत की तैयारी कर रहे हैं।
इस बीच सीबीआई की टीम सभी दस्तावेजों की गहराई से जांच कर रही है। एजेंसी का मानना है कि यह मामला सिर्फ फर्जीवाड़े का नहीं, बल्कि मेडिकल शिक्षा व्यवस्था की साख को गिराने वाला गंभीर अपराध है।
शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल
एनसीआर मेडिकल कॉलेज का यह मामला न केवल मेरठ या उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश की चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अगर ऐसे ही फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेज सीटें बढ़ती रहीं, तो भविष्य के डॉक्टरों की गुणवत्ता पर भी बड़ा खतरा मंडराएगा।
सीबीआई की नजर
एनसीआर मेडिकल कॉलेज घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं। डॉ. शिवानी अग्रवाल की भूमिका पर सीबीआई गंभीरता से नजर रखे हुए है और उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। यह मामला आने वाले दिनों में और भी बड़ा रूप ले सकता है।
ये भी पढ़ें : Delhi News: दिल्ली में सार्वजनिक शौचालयों की दुर्दशा पर हाई कोर्ट सख्त, MCD और DDA को लगाई फटकार
ये भी देखें : कांवड़ यात्रा पर उठे सवाल, भड़के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जमकर सुनाई खरी-खरी |