Akash Anand: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने अपने भतीजे और पार्टी के युवा चेहरे आकाश आनंद के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। इससे पहले उन्हें सभी पदों से हटा दिया गया था। इस अप्रत्याशित फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिस आकाश आनंद को मायावती ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, उन्हें ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इस बीच, आकाश आनंद का एक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे इस फैसले की प्रमुख वजह बताया जा रहा है। इस भाषण में आकाश आनंद पार्टी संगठन और उसके भीतर काम करने के तरीके को लेकर सवाल उठाते दिख रहे हैं। उन्होंने कुछ पदाधिकारियों की भूमिका पर भी उंगली उठाई और कहा कि उनके कारण पार्टी के महत्वपूर्ण फैसले प्रभावित हो रहे हैं।
क्या कहा था आकाश आनंद ने?
अपने वायरल भाषण में आकाश आनंद ने कहा, “मैंने पिछले ढाई-तीन सालों में समझा कि हमारे कार्यकर्ता पार्टी के स्ट्रक्चर और उसके संचालन को लेकर परेशान हैं। पार्टी में बहुत कमियां हैं। क्या आपको लगता है कि कुछ पदाधिकारी पार्टी को फायदा पहुंचाने से ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं? सही है… हमारे कुछ पदाधिकारी हमें काम नहीं करने देते। कुछ लोग गलत जगह बैठे हैं, जिनसे हम टकरा नहीं सकते। लेकिन हमें खुद को मजबूत करना होगा और दोबारा से पार्टी को खड़ा करना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का ढांचा कुछ इस तरह बना हुआ है, जिसमें कुछ लोग इतने प्रभावशाली हैं कि उन्हें हटाया नहीं जा सकता, भले ही वे गलत हों। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह भरोसा भी दिलाने की कोशिश की कि भविष्य में नई तकनीकों की मदद से सभी कार्यकर्ता सीधे मायावती तक अपनी बात पहुंचा पाएंगे।
क्या यही वजह बनी बर्खास्तगी का कारण?
इस भाषण में आकाश आनंद ने अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी नेतृत्व और संचालन प्रणाली पर सवाल उठाए, जिससे पार्टी के अंदरूनी हालात उजागर हो गए। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आकाश आनंद के इस बयान से बसपा नेतृत्व नाराज हो गया, और इसका नतीजा यह हुआ कि मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।
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गौरतलब है कि मायावती पर पहले भी भाजपा से नजदीकियों के आरोप लगते रहे हैं, जिसके कारण पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है। कई जानकारों का मानना है कि आकाश आनंद के बयान से यह संकेत मिल रहा था कि पार्टी में अंदरूनी असंतोष बढ़ रहा है और शायद इसी कारण उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
अब बसपा के भविष्य को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं। क्या आकाश आनंद की बर्खास्तगी से पार्टी और कमजोर होगी या मायावती कोई नया राजनीतिक दांव खेलेंगी? यह देखने वाली बात होगी।