Mahoba News: जनपद न्यायाधीश महोबा की अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में सदर विधायक पंडित राकेश गोस्वामी को उनके किराए के मकान को एक माह के भीतर खाली करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि विधायक को वर्ष 2008 से लेकर अब तक का बकाया किराया 13,000 रुपये प्रतिमाह की दर से जमा करना होगा।
15 साल से किराया न देने का आरोप
मकान मालिक द्वारा कई बार किराया मांगने के बावजूद किराया न मिलने पर आखिरकार उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले में विधायक पर आरोप है कि वे वर्ष 2008 से उस मकान में रह रहे हैं लेकिन किराया नहीं दिया। कोर्ट ने सभी सबूतों की समीक्षा के बाद यह आदेश पारित किया।
विधायक की किरायेदारी पर उठे सवाल
यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यह सीधे महोबा सदर से भाजपा विधायक पंडित राकेश गोस्वामी से जुड़ा है। आम जनता और सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोगों का कहना है कि यदि कोई आम व्यक्ति होता, तो अब तक बेदखल कर दिया गया होता।
मकान मालिकों को मिल सकती है राहत
इस फैसले को कई लोग मिसाल के तौर पर देख रहे हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि चाहे व्यक्ति कितना भी बड़ा पदाधिकारी हो, कानून सभी के लिए समान है। इससे उन मकान मालिकों को भी राहत मिल सकती है जो सालों से किराया नहीं मिलने की परेशानी झेल रहे हैं।
विधायक का पक्ष अब तक नहीं आया सामने
फिलहाल विधायक राकेश गोस्वामी की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। अब देखना यह होगा कि वे इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं या आदेश का पालन करते हैं।
कानूनी व्यवस्था की निष्पक्षता
महोबा से भाजपा विधायक पंडित राकेश गोस्वामी के खिलाफ आया यह कोर्ट का आदेश न केवल कानूनी व्यवस्था की निष्पक्षता को दर्शाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि कानून के सामने सभी समान हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विधायक इस आदेश का क्या जवाब देते हैं।
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