Maha Kumbh Magh Purnima Snan: महाकुंभ 2025 के अवसर पर माघ पूर्णिमा स्नान पर्व के दौरान प्रयागराज में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी में पुण्य स्नान के लिए मंगलवार रात से ही पहुंचने लगे थे। प्रशासन ने घाटों और मेले के क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए थे।
घाटों पर लगाए गए वीएमडी
प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए घाटों पर वैरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले (वीएमडी) लगाए थे, जिन पर लगातार श्रद्धालुओं को स्नान के बाद अधिक समय न बिताने और अपने गंतव्य की ओर बढ़ने की सलाह दी जा रही थी। इससे भीड़ का दबाव कम करने में सहायता मिली और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।
सीएम योगी ने लखनऊ से संभाली कमान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं सुबह 4 बजे से लखनऊ स्थित कंट्रोल रूम से पूरी व्यवस्था की निगरानी की। उनके निर्देश पर प्रशासन ने मेले में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के कड़े इंतजाम किए। डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी भी इस दौरान वॉर रूम में मौजूद रहे, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा
महाकुंभ 2025 के माघ पूर्णिमा स्नान पर्व पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की परंपरा को जारी रखा। सुबह 8 बजे से श्रद्धालुओं पर कई बार गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश की गई। संतों और श्रद्धालुओं ने इस दृश्य से अभिभूत होकर “जय श्री राम” और “हर हर महादेव” के जयकारे लगाए, जिससे यह अवसर उनके लिए हमेशा के लिए यादगार बन गया।
20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से हुई पुष्पवर्षा
अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्पवर्षा की जाती है। इसके लिए 20 क्विंटल फूलों का स्टॉक रखा जाता है, जबकि 5 क्विंटल फूल रिजर्व में भी रहते हैं। योगी सरकार ने पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और अब माघ पूर्णिमा स्नान पर्व पर भी इस परंपरा को जारी रखा है।
ट्रैफिक डायवर्जन और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया था। पुलिस, जल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें लगातार निगरानी कर रही थीं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए घाटों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे।
माघ पूर्णिमा का पुण्यकाल और स्नान का महत्व
माघ पूर्णिमा का पुण्यकाल 11 फरवरी की शाम 6:55 बजे से 12 फरवरी की रात 7:22 बजे तक था। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। प्रशासन के सफल इंतजामों के चलते श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा और स्नान पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।