Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन दिवसीय श्री अन्न महोत्सव एवं राज्य स्तरीय प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने श्री अन्न की खेती से जुड़े प्रगतिशील किसानों (फसल उत्पादक संगठनों) को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि से सम्मानित किया तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों को 95-95 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया।
श्री अन्न महोत्सव मील का पत्थर साबित होगा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि और कृषि अनुसंधान में व्यापक बदलाव करके किसानों के जीवन में बदलाव लाऐंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि श्री अन्न महोत्सव इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि श्री अन्न की उपयोगिता वैदिक काल से ही मानी जाती रही है। चिन्हित श्री अन्न का उपयोग व्रत-उपवास के दौरान किया जा सकता है। इसका महत्व हमारे वेदों में भी बताया गया है। हमारे वैज्ञानिकों के प्रयासों से कम खेती में अधिक उत्पादन का लक्ष्य पूरा हो सका है। श्री अन्न की खेती के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की पहल के प्रभाव पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत में लगभग हर घर अब किसी न किसी रूप में श्री अन्न का उपयोग करता है। उन्होंने उन महिलाओं के प्रति भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने श्री अन्न का उपयोग करके स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए हैं, जिससे लोगों को खाने में रुचि बढ़ी है।
यह भी पढ़ें: NCERT की किताबों में बदलेगा देश का नाम, स्कूलों में अब INDIA की जगह भारत पढ़ाया जाएगा
मोटे अनाज और योग को दुनिया स्वीकार कर रही
इससे पहले कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से अब बड़े पैमाने पर मोटे अनाज की खेती हो या योग, को दुनिया भर में स्वीकार किया जा रहा है. यह सेहत के लिए फायदेमंद है। करीब 60 करोड़ लोग मोटे अनाज का सेवन करते हैं. पश्चिमी देशों ने भी इस बात को माना है. मोटे अनाज की बढ़ती मांग से हमारे किसानों को फायदा हो रहा है। मोटे अनाज की खेती में कम उर्वरक और कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे खेती की लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है।