आजम खान के बेटे अबदुल्ला आजम की विधायकी चली गई है। ऐसे में उनकी सीट स्वार टांडा पर फिर चुनाव किए जाएंगे। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब अबदुल्ला से उनकी विधायकी हाथ से चली गई हो। फर्जी प्रमाणपत्र को लेकर भी अबदुल्ला को दो साल की सजा मिली थी जिसकी वजह से उनकी विधायकी रद्द हो गई थी। आजम खान के ऊपर तो जैसे एक बाद एक बिजली का झटका लगता चला रहा है।
आजम खान के सितारे अब गर्दिश में डूबते जा रहें हैं। 15 साल पहले के एक मुद्दे ने उनकी परेशानियां बढ़ा दी हैं और मुरादाबाद कोर्ट ने आजम खान को दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुना दी है। अब भारत में कोई मुद्दा उठता है तो लाज़मी है कि बिना किसी टिका टिप्पणी के पूरा नहीं होता। भाजपा के विधायक आकाश सक्सेना ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है। कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।
देश में ये पहला ऐसा मामला साबित होगा जहां पर एक ही विधायक की दो बार विधायक बनने के बाद दोनों बार कोर्ट ने ही उनकी विधायकी को छीना हो। सत्य की हमेशा जीत होती आई है और आगे भी सत्य की ही जीत होगी।
आकाश सक्सेना ने कहा कि हमने प्रमुख सचिव विधानसभा को पत्र लिखा है, कि कोर्ट के फैसले का संज्ञान लेते हुए अब्दुल्ला आजम की स्वार सीट को रिक्त किया जाए और आगे की जो प्रक्रिया है उसको आरंभ किया जाए, उन्होंने कहा कि बीजेपी हर स्थिति में चुनाव के लिए तैयार रहती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या रामपुर विधानसभा सीट के बाद स्वार विधानसभा सीट पर भी सपा का वर्चस्व खत्म होगा या आजम खान इस सीट को बचाने के लिए कुछ कर पाएंगे या नहीं।
भाजपा अपनी हर जगह सत्ता काबिज करने के लिए हर तरह के रास्ते हमेशा से अपनाती आई है। ऐसे में भाजपा को एक और मौका मिल गया अपनी पार्टी को सर्वश्रेष्ठ बनाने का। गौर करने वाली बात यह है कि बीते 25 साल में पहली बार होगा कि विधानसभा में आजम परिवार का कोई सदस्य विधानसभा में नहीं होगा।

