Krishna Janmashtami 2024: पौराणिक कथाओं के अनुसार, कान्हा (भगवान कृष्ण) को बचपन से ही विभिन्न व्यंजनों का शौक था। जन्माष्टमी पर लोग भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए 56 व्यंजन (कान्हा छप्पन भोग) चढ़ाते हैं। भगवान कृष्ण को चढ़ाए जाने वाले भोग में पारंपरिक व्यंजन शामिल होते हैं, जिनकी कान्हा से जुड़ी कहानियाँ हैं।
ऐसा माना जाता है कि जो लोग जन्माष्टमी के दिन रात में भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उन्हें उनके पसंदीदा व्यंजन चढ़ाते हैं, उनके घर में शांति और समृद्धि आती है और जीवन में सफलता मिलती है। यहाँ कुछ ऐसे भोग दिए गए हैं जो जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को चढ़ाने चाहिए।
जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के पाँच पसंदीदा भोग
01) पंचामृत – जन्माष्टमी को कान्हा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) से उनका अनुष्ठानिक स्नान करें और उन्हें भोग लगाएँ। ऐसा माना जाता है कि इससे परिवार में मिठास बनी रहती है। भोग में तुलसी के पत्ते ज़रूर शामिल करें।
02) आटे या धनिया पंजीरी – जन्माष्टमी पर बाल गोपाल (बाल कृष्ण) की पूजा के दौरान प्रसाद में आटे या धनिया पंजीरी शामिल करें। मक्खन और चीनी के अलावा कान्हा को धनिया पंजीरी बहुत पसंद है।
03) खीरा – बाल गोपाल के जन्मोत्सव के दौरान खीरा जरूर चढ़ाना चाहिए। जन्माष्टमी की रात को लड्डू गोपाल के जन्म के प्रतीक के रूप में खीरा काटा जाता है। जिस तरह बच्चे को मां के गर्भ से अलग करने के लिए गर्भनाल को काटा जाता है, उसी तरह खीरे के तने को काटा जाता है, जो भगवान कृष्ण की गर्भनाल का प्रतीक है।
04) मखाना खीर – ऐसा कहा जाता है कि यशोदा मैया (मां यशोदा) ने अपने बच्चे को प्यार से खीर (मीठी चावल की खीर) खिलाई थी। ऐसा माना जाता है कि जन्माष्टमी पर खीर का भोग लगाने से संतान की प्राप्ति होती है। देवी लक्ष्मी भी अपनी कृपा बरसाती हैं।
05) माखन मिश्री – जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को माखन मिश्री (मक्खन और चीनी) का भोग लगाएं। इसमें केसर मिलाएं। ऐसा माना जाता है कि इससे विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं तथा विवाह के योग बनते हैं।