उत्तर प्रदेश में Kanwar Yatra मार्ग पर होटल और ढाबों पर नाम लिखने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब मांगा है।
Kanwar Yatra मार्ग को लेकर राज्य सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों की पहचान कर उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है, जो चिंताजनक स्थिति है। दरअसल, योगी सरकार ने कांवड़ मार्ग पर दुकान मालिकों के नाम लिखने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ एनजीओ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने 20 जुलाई को याचिका दायर की थी।
दुकानदारों को अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं : कोर्ट
Kanwar Yatra नेमप्लेट विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा है कि दुकानदारों को अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि दुकानदारों को सिर्फ यह बताना होगा कि वे किस तरह का खाना बेचते हैं। इस संबंध में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की सरकारों को नोटिस जारी किया है।