Noida: नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही और अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण एक बार फिर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। सेक्टर-82 स्थित ईडब्ल्यूएस पॉकेट-7 में प्राधिकरण के करीब 50 फ्लैटों पर अज्ञात लोगों ने कब्जा जमा लिया है। हैरानी की बात यह है कि इन फ्लैटों का सरकारी ताला तोड़कर कब्जाधारियों ने महीनों से अवैध रूप से रहना शुरू कर दिया है, और नोएडा प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर से अनजान बने हुए हैं।
इससे पहले भी ऐसा मामला सामने आ चुका है। एनबीटी ऑनलाइन ने अपनी रिपोर्ट में यह उजागर किया था कि नोएडा प्राधिकरण के 15 बिना बिके फ्लैटों पर पुलिसकर्मियों का अवैध कब्जा हो चुका था, लेकिन तब खबर के असर से कुछ हलचल जरूर हुई थी। हालांकि, मामला ठंडा पड़ते ही प्राधिकरण के अधिकारी फिर से कुंभकर्णी नींद में सो गए।
कब्जाधारियों का गढ़ बनी सोसाइटी
नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्किल-8 के अंतर्गत आने वाली यह सोसाइटी अब अवैध कब्जाधारियों का गढ़ बन चुकी है। सोसाइटी अध्यक्ष ने कई बार प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर और व्यक्तिगत रूप से मिलकर इसकी शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि यह गंभीर सुरक्षा का मामला है, क्योंकि इन फ्लैटों में कौन रह रहा है, इसकी कोई निगरानी नहीं हो रही। कहीं इनमें आपराधिक प्रवृत्ति के लोग तो नहीं रह रहे हैं? इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा निरीक्षण तक नहीं किया गया।
अवैध बिजली-पानी कनेक्शन और किराए की वसूली
इस अवैध कब्जे को लेकर सोसाइटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष राघवेंद्र दुबे ने बताया कि यह मामला सिर्फ अनधिकृत रहने का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार से भी जुड़ा है। आरोप है कि प्राधिकरण के कुछ कर्मचारी ही इस कब्जे के पीछे हैं। कई फ्लैटों में अवैध रूप से रहने वालों से किराया वसूला जा रहा है, जबकि कुछ फ्लैटों में प्राधिकरण के कर्मचारियों के ही रिश्तेदार रह रहे हैं।
बता दें कि 20 जून से 22 जून के बीच पॉकेट के सात घरों में ताला तोड़कर चोरी की घटनाएं भी हो चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों की निष्क्रियता बनी हुई है। अवैध कब्जे वाले फ्लैटों की सूची भी प्राधिकरण को सौंप दी गई थी, बावजूद इसके कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्राधिकरण से उठे सवाल
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष दुबे ने नोएडा प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों से सवाल किया कि आखिर बिना किसी आधिकारिक आदेश के इन फ्लैटों में लोग कैसे रह रहे हैं? वर्क सर्किल-8 के वरिष्ठ प्रबंधक अनिल कुमार और क्षेत्र के जेई को इस अवैध कब्जे की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह पूरे मामले में प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत को साबित नहीं करता?
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यह कोई पहला मामला नहीं है जब नोएडा प्राधिकरण की संपत्तियों पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया हो। वर्ष 2019 में सेक्टर-71 स्थित शिव शक्ति अपार्टमेंट में 250 फ्लैटों पर अवैध रूप से कब्जा किया गया था। उस वक्त इन फ्लैटों में रहने वाले लोगों से 5 से 7 हजार रुपये तक किराए के रूप में वसूले जा रहे थे। जब मामला उजागर हुआ, तो प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की थी।
सख्त कार्रवाई की मांग
सोसाइटी के निवासियों ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से रह रहे लोगों को जल्द से जल्द हटाया जाए, ताकि सुरक्षा को कोई खतरा न हो। साथ ही, दोषी कर्मचारियों पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो इस अवैध वसूली में लिप्त हैं।
अब देखने वाली बात होगी कि क्या नोएडा प्राधिकरण इस गंभीर मामले को लेकर कोई ठोस कदम उठाता है या फिर अधिकारियों की लापरवाही से यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।