Haryana Election: हरियाणा में चुनाव के दौरान कांग्रेस सरकार एक बार फिर संकट में पड़ती नजर आ रही हैं। हरियाणा में एक बार फिर सियासत गर्मा गई हैं। बता दें कि कुमारी शैलजा पर हुड्डा समर्थकों द्वारा जातिगत टिप्पणी की गई हैं जिसके बाद से कुमारी शैलजा पार्टी का प्रचार करती नजर नहीं आ रही हैं और ना ही सड़क पर उतरी हैं, लेकिन अपने समर्थको से अपने घर में मिल रही हैं। दलित वोट को अपने पक्ष में लाने के लिए कुछ पार्टियां उनपर अपनी नजर बनाए हुए हैं।
क्या पार्टी से नाराज हैं शैलजा?
13 सितंबर को शैलजा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसके बाद से शैलजा ना तो किसी प्रचार में नजर आई हैं, और ना ही सोशल मीडिया पर उन्होने कोई पोस्ट डाली हैं। जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे है कि शायद कुमारी शैलजा पार्टी से नाराज हैं।
बीजेपी में शामिल होने का मिला ऑफर
शैलजा की इस नाराजगी से हर कोई वाकिफ हैं। जिसके बाद हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने शैलजा को अपनी पार्टी में शामिल होने का ऑफर देते हुए कहा, हमने अपनी पार्टी में कई नेताओं को शामिल किया हैं। हम तैयार हैं उन्हें पार्टी में लाने के लिए।
कांग्रेस पर साधा निशाना
बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुआ कहा कि ये कांग्रेस जब अपनी पार्टी की बेटी का सम्मान नहीं कर सकती तो और सभी दलित बेटियों की रक्षा कैसे करेगी। वहीं BSP के नेशनल कॉर्डिनेट ने भी शैलजा को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा हैं।
शैलजा को लेकर आकाश आनंद का बयान
BSP के कॉर्डिनेटर ने भी शैलजा को लेकर सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी करते हुआ कहा, शैलजा को बीएसपी में शामिल हो जाना चाहिए। इसी पार्टी में इन्हें सम्मान मिल सकता हैं। साथ ही कहते हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले आरक्षण खत्म करना चाहते थे तो वहीं अब हुड्डा समर्थकों द्वारा कुमारी शैलजा पर जातिगत टिप्पणी कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद का शैलजा पर विवादित बयान
कांग्रेस के सांसद जय प्रकाश ने बीते शनिवार को कुमारी शैलजा पर लिपिस्टिक वाला विवादित बयान दिया था। इस बयान को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा तो भूपेंद्र हुड्डा ने दो दिन बाद सफाई दी। जहां पूर्व सीएम हुड्डा ने शैलजा को बहन तक कहा।
8 टिकट प्राप्त कर चुकी हैं शैलजा
सांसद कुमारी शैलजा पहले विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया। सीएम बनने की इच्छा भी वो जता चुकी थी। जहां उन्हें अपना कोई स्कोप शायद अब दिख नहीं रहा है। ऐसे में उन्होंने प्रचार से दूरी बना रखी है। सवाल ये कि क्या इससे चुनाव में कांग्रेस को नुकसान होगा। कुमारी शैलजा कैंप को चुनाव में 8 टिकट मिले हैं. लेकिन नाराजगी का आलम ये है कि शैलजा अपनों के लिये भी प्रचार में घूम नहीं रही हैं।
शैलजा की नाराजगी बन सकती हैं कांग्रेस का खतरा
क्या शैलजा की नाराजगी बन सकती हैं कांग्रेस का खतरा क्योंकि दलित वोटों में सेंधमारी के लिये आईएनएलडी का बीएसपी से गठबंधन है और जेजेपी का आजाद समाज पार्टी से लोकसभा में दलितों का वोट कांग्रेस गठबंधन को थोक में मिला था। शैलजा की नाराजगी का असर हुआ तो दलित नया विकल्प तलाश सकते हैं।