Gyanvapi Survey: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआईlecosonnenschirm mandarinaduckoutlet 24bottlesclima marellaoutlet loevenichmutze ynotoutlet mandarinaduckoutlet vondutchmutzen geoxoutlet harmonte-blaine adidas yeezy prezzo basso loevenichmutze maisenzashop adidas yeezy prezzo basso yeezy grigie 350) द्वारा ज्ञानवापी परिसर में किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट जिला अदालत को सौंप दी गई है। एएसआई ने सफेद कपड़े में लपेटकर रिपोर्ट पेश की है. एएसआई ने सर्वे का काम 24 जुलाई को शुरू किया था. इस मामले पर अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी. बता दें कि 11 दिसंबर 2023 को एएसआई ने कहा था कि सुपरवाइजिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती का अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने और तबीयत बिगड़ने के कारण वह कोर्ट में पेश होने में असमर्थ हैं। इसलिए, रिपोर्ट जमा करने के लिए एक अतिरिक्त सप्ताह का समय दिया जाए। वाराणसी जिला अदालत ने एक सप्ताह की मोहलत देते हुए रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा 18 दिसंबर तय की थी।
इससे पहले कि एएसआई सर्वे रिपोर्ट पेश कर पाती, मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी. मुस्लिम याचिकाकर्ताओं ने अदालत से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि वाराणसी में ज्ञानवापी स्थल पर एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत की जाए और किसी को भी बिना अनुमति और हलफनामे के रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की अनुमति न दी जाए।
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सर्वे रिपोर्ट में 1500 पेज
ज्ञानवापी मामले में एएसआई के अपर निदेशक ने सीलबंद रिपोर्ट वाराणसी के जिला जज को सौंप दी है. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट 1500 पेज से ज्यादा की है, जिसमें ज्ञानवापी सर्वे की सच्चाई बयां की गई है। ज्ञानवापी के एएसआई सर्वेक्षण के दौरान क्षतिग्रस्त मूर्तियां, मिट्टी के बर्तन, प्रतीक और 250 कलाकृतियां मिलीं। इन्हें जिलाधिकारी की निगरानी में एक लॉकर में जमा कराया गया. इन सभी कलाकृतियों को कोर्ट के सामने भी रखा जा चुका है.
रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई
ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट आखिरकार कोर्ट में पेश कर दी गई है. एएसआई के अतिरिक्त निदेशक ने इसे सीलबंद कपड़े में जमा किया। रिपोर्ट पेश करने के तरीके पर हिंदू पक्ष ने असंतोष जताया है. हिंदू याचिकाकर्ताओं ने रिपोर्ट को सीलबंद कपड़े में पेश करने पर आपत्ति जताई है.