Gyanvapi Case: वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर मामले में अहम फैसला सुनाते हुए परिसर में पूजा की इजाजत दे दी है. इसके बाद 31 वर्षों के बाद जिला प्रशासन की देखरेख में श्री व्यास परिसर में पूजा फिर से शुरू हो गयी है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 7 दिनों के भीतर प्रशासन मौजूदा स्थिति को देखते हुए पूजा अनुष्ठान का प्रबंधन सुनिश्चित करे. इसके बाद जहां हिंदू समुदाय में खुशी का माहौल है, वहीं मुस्लिम पक्ष अब हाई कोर्ट जाकर इस आदेश को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है.
मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे खारिज कर दिया और उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह दी. इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद परिसर के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात
इससे पहले, ज्ञानवापी परिसर मामले में वाराणसी जिला अदालत के आदेश के तुरंत बाद, शाम को वाराणसी जिले के अधिकारियों, पुलिस आयुक्त और काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन से जुड़े लोगों ने एक बैठक की। चर्चा शहर में शांति बनाए रखने और अदालत के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने पर केंद्रित थी।
कोर्ट के आदेश के बाद तुरंत ज्ञानवापी परिसर के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए. रात करीब 9:00 बजे वाराणसी जिला प्रशासन के आदेश के मुताबिक परिसर में साफ-सफाई की गई और यह साफ हो गया कि कुछ ही देर में पूजा अनुष्ठान शुरू हो जाएगा. काशी विश्वनाथ मंदिर में नंदी (बैल) के सामने से बैरिकेडिंग हटा दी गई, जिससे परिसर तक रास्ता बन गया। इसके बाद, देवताओं को पुनः स्थापित किया गया, और पूजा की तैयारी की गई।
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पुजारियों ने की पूजा अर्चना
देर रात कोर्ट के आदेश पर वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, पुलिस उपायुक्त समेत अन्य पुलिस अधिकारी ज्ञानवापी परिसर पहुंचे. रात करीब 11 बजे भारी सुरक्षा के बीच पुजारियों ने भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और आरती की। पूजा की निर्धारित अवधि के बाद स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी परिसर से बाहर निकल गये. इसके बाद, ज्ञानवापी परिसर के बाहर सुरक्षाकर्मी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। जिसके बाद अब यहां विधिवत तरीके से पूजा शुरू हो गई है.