Greater Noida: एनसीआर क्षेत्र में परिवहन को बेहतर बनाने के लिए मोदी सरकार हर संभव कदम उठा रही है। इसी कड़ी में महानगरों में आने-जाने की सुविधा को सुगम बनाने के उद्देश्य से मेट्रो का लगातार विस्तार किया जा रहा है। अब सरकार ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के जरिए उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा और हरियाणा के गुरुग्राम को जोड़ने की योजना बनाई है। यह नया कॉरिडोर दोनों शहरों के बीच यातायात को आसान बनाते हुए जाम की समस्या को भी कम करेगा।
यह रहेगा रूट
गुरुग्राम-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर की लंबाई 60 किलोमीटर होगी। यह रूट गुरुग्राम के राजीव चौक से शुरू होकर नोएडा सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर तक जाएगा। इस परियोजना के जरिए ग्रेटर नोएडा के निवासियों को यातायात जाम और प्रदूषण की समस्या से राहत मिलेगी। इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद आरआरटीएस के माध्यम से गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा जैसे महत्वपूर्ण केंद्रों के बीच तेज और सुगम यात्रा संभव हो सकेगी, जिससे लोगों का समय और ऊर्जा बचेगी। करीब 15,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट में फरीदाबाद का बाटा चौक भी जोड़ा जाएगा। इस कॉरिडोर में कुल आठ मध्यवर्ती स्टेशन होंगे जो प्रमुख व्यावसायिक, आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ेंगे।
एनसीआर के विकास को मिलेगी रफ्तार
यह प्रोजेक्ट सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर आधारित है। इस परियोजना के अंतर्गत एलिवेटेड ट्रैक, आधुनिक स्टेशन और दिल्ली मेट्रो के साथ इंटरमॉडल कनेक्शन का निर्माण किया जाएगा। एक बार पूरा होने के बाद, यह परियोजना एनसीआर के निवासियों को न केवल तेज और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव देगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
आरआरटीएस की प्रमुख विशेषता
आरआरटीएस की सबसे बड़ी विशेषता इसकी तेज गति है। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, जो मौजूदा परिवहन साधनों की तुलना में काफी तेज होगी। इससे न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि सड़कों पर वाहनों का दबाव भी कम होगा, जिससे प्रदूषण में कमी की भी उम्मीद है।
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अन्य परियोजनाओं पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के बीच हुई बैठक में दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर को करनाल तक बढ़ाने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही, गुरुग्राम मेट्रो को एम्स बाढ़सा तक विस्तार देने और आरआरटीएस के माध्यम से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को गुरुग्राम, फरीदाबाद और जेवर हवाई अड्डे से जोड़ने पर भी चर्चा की गई।

