नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक शुक्रवार को समाप्त हुई। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने दो बड़े फैसलों की घोषणा की, जिनसे रियल एस्टेट सेक्टर में उत्साह की लहर दौड़ गई। इन फैसलों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले दो वर्षों से जारी तेजी आगे भी बनी रहेगी। लोगों का अपने सपनों का घर बनाने का सपना पूरा करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सीआरआर रेशियो में कटौती से बढ़ेगी लिक्विडिटी
आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 50 आधार अंक (0.50%) की कटौती की घोषणा की। यह रेशियो वह धनराशि है, जो बैंक अपने जमा का एक हिस्सा आरबीआई के पास रिजर्व के तौर पर रखते हैं। सीआरआर में कटौती से बैंकों के पास अधिक धन उपलब्ध होगा, जिससे मार्केट में कैश फ्लो और लिक्विडिटी बढ़ेगी। यह निर्णय न केवल रियल एस्टेट बल्कि अन्य सेक्टर्स को भी फायदा पहुंचाएगा।
रेपो रेट में स्थिरता बनाए रखी
आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया। यह लगातार दूसरी बार है जब रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। रियल एस्टेट सेक्टर ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सेक्टर की ग्रोथ के लिए सकारात्मक बताया है। स्थिर दरों से घर खरीदने वाले ग्राहकों पर ब्याज दरों का भार नहीं बढ़ेगा, जिससे आवासीय संपत्तियों की मांग बनी रहेगी।
रियल एस्टेट सेक्टर की प्रतिक्रियाएं
गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई नेशनल के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा, “आरबीआई का यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर बढ़ने के बावजूद रेपो रेट में स्थिरता यह दर्शाता है कि केंद्रीय बैंक विकास को प्राथमिकता दे रहा है।”
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने कहा, “रियल एस्टेट सेक्टर में कंजम्पशन बढ़ रही है। मेट्रो सिटीज के साथ-साथ टीयर 2 और 3 शहरों में भी लोग मिड, प्रीमियम और लक्जरी रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहे हैं। डेवलपर्स भी नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने की गति बढ़ा रहे हैं।”
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मार्केट में बना उत्साह
आरबीआई के इन फैसलों से रियल एस्टेट सेक्टर में न केवल निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि लक्जरी और प्रीमियम सेगमेंट में भी नई डिमांड पैदा होगी। साथ ही, बैंकों के पास अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध होने से लोन की प्रक्रिया सुगम होगी, जिससे ग्राहकों की क्रय शक्ति बढ़ेगी।