Gonda News: उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के नाम पर महेंद्र सिंह टेंट हाउस नामक फर्म ने सरकारी विभागों से धोखे से 13.95 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान हासिल कर लिया। मामला बीती 2 फरवरी को आयोजित विश्व आर्द्रभूमि दिवस समारोह से जुड़ा है, जिसका आयोजन पार्वती अरगा झील के पास किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत हुआ था। आयोजन की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (PWD) निर्माण खंड एक, गोंडा और सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग, बलरामपुर को दी गई थी। टेंट और खानपान की सेवा देने का ठेका महेंद्र सिंह टेंट हाउस, झिलाही बाजार को दिया गया था।
कार्यक्रम पूरा होने के बाद विभागों द्वारा भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई। 5 मार्च को सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग की ओर से टेंट हाउस को 19.95 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इसके बाद 29 मार्च को PWD की ओर से 69.30 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जिसमें 13.95 लाख रुपये का वही काम दोबारा दिखाकर भुगतान लिया गया।
जांच में हुआ खुलासा, दर्ज हुआ मुकदमा
PWD खंड-1 के अवर अभियंता ललित कुमार पाठक की जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। उन्होंने बताया कि फर्म ने पहले हुए भुगतान को छिपाकर, उसी काम को दोबारा बिल बनाकर पेश किया और 13.95 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि हासिल कर ली।
इस धोखाधड़ी के खुलासे के बाद अवर अभियंता की तहरीर पर नगर कोतवाली गोंडा में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस अब पूरे मामले की छानबीन कर रही है और संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
सरकार की छवि पर सवाल
यह मामला ना सिर्फ सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को दर्शाता है, बल्कि ऐसे कार्यक्रमों में होने वाली प्रक्रियागत लापरवाही और बिल भुगतान प्रणाली की कमजोरियों को भी उजागर करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम से जुड़े इस मामले ने शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
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