Ghaziabad News: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के एक ट्वीट से गाजियाबाद नगर निगम में हड़कंप मच गया। मंगलवार शाम को किए एक ट्वीट में नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने एक्स पर लिखा कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी, गाजियाबाद द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सीसीटीवी कैमरों व बायोमैट्रिक मशीन इत्यादि के क्रय के उपरान्त अवैध धन अर्जन के उद्देश्य से पत्रावलियों को अनावश्यक रूप से लम्बित रखते हुए बिलों के भुगतान में देरी करने तथा अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही व शिथिलता बरतने के दृष्टिगत विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही किये जाने तथा अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मेरठ मण्डल, मेरठ से जांच कराये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिये गये है।
कमीशन के चक्कर में पत्रावलियों का अवलोकन नहीं किया
उप मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद नगर निगम में भ्रष्टाचार पर से पर्दा उठ गया है। सरकारी नियमों के विपरित नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश पिछले पांच सालों से गाजियाबाद में जमे हैं। उन पर कई तरह के आरोप लगते रहे। नगर निगम के क्षेत्र में कूड़ा उठाने और शहर की साफ-सफाई को लेकर डॉ. मिथिलेश कुमार विवादों में रहे। उप मुख्यमंत्री की ओर से जांच कराए जाने का आदेश जारी होने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने जांच की जिम्मेदारी मेरठ मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को सौंपी है।
आरोप है कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सीसीटीवी कैमरे तथा बायोमैट्रिक मशीन की खरीद से जुड़े भुगतान से संबंधित फाइलों को पास करने में देरी की गई। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गाजियाबाद में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का काम किया गया। सीसीटीवी लगाने का ठेका चार साल पहले दिल्ली की मै. जितिन प्रसाद आनंद कम्प्यूटर्स फर्म को दिया गया था। कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन की खरीद भी की गई थी। फर्म ने फरवरी 2019 में भुगतान के लिए बिल लगाए थे, लेकिन पत्रावलियों का अवलोकन सात माह तक भी नहीं किया गया। इस मामले में आरोप लगा था कि भुगतान से पहले कमीशन के चक्कर में पत्रावलियों का अवलोकन नहीं किया गया है और भुगतान के लिए बिल लेखा अधिकारी के पास नहीं भेजा गया।
विजिलेंस जांच हो चुकी है
नगर स्वास्थ अधिकारी मिथिलेश कुमार कई बार विवादों में रहे। बोर्ड बैठक में भी कई बार पार्षदों ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी का विरोध किया लेकिन ऊंचे संबंधों के चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत हाजरी स्थलों आदि पर सीसीटीवी कैमरे तथा बायोमैट्रिक मशीनों का हाल क्या है। वे किन स्थिति में हैं, उसे देखने वाला कोई नहीं है। कई सीसीटीवी कैमरे भी गायब हो गए है बल्कि बायोमैट्रिक मशीनें धूल फांक रही है। उधर डिप्टी सीएम के ट्वीट करने के बाद नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार ने अपनी ओर से सफाई दी। उन्होंने उप मुख्यमंत्री के आरोपों को गलत बताया।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकरण की बात की गई है, वह उनके चार्ज लेने से पहले का है। इस मामले में विजिलेंस जांच हो चुकी है। जिसमें उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। जब उनकी गाजियाबाद में तैनाती हुई तो लगातार दो साल कोविड प्रबंधन का काम देखते रहे। ज्यादातर समय कोविड प्रबंधन में लगा रहा। सीसीटीवी कैमरों की खरीद मेरे कार्यभार से पहले की गई थी। उसके पत्रावलियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हे। उन्होंने कहा कि विजिलेंस टीम को भी उन्होंने यही बात बताई थी। विजिलेंस विभाग ने भी तथ्यों के आधार पर माना कि पूरे मामले में आपराधिक साजिश नहीं है। उन्होंने कहा कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार है। जांच कमेटी के सामने वे सभी तथ्यों को रखेंगे।

