Ghaziabad News: इंदिरापुरम थाना पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के नाम पर फर्जी संगठन बनाकर लोगों से ठगी और अवैध वसूली की। आरोपी ने अपने संगठन का नाम एंटी क्राइम ऑर्गनाइजेशन वसुंधरा संरक्षण फाउंडेशन (बीएसएफ) रखा था और लोगों को सदस्यता शुल्क के रूप में 1100 रुपये लेकर फर्जी पहचान पत्र और पुलिस जैसी वर्दी जारी करता था। पुलिस जांच में अब तक 50 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी का मामला सामने आ चुका है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से खुला राज
एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति सादे कपड़ों में खाकी वर्दी पहने एक अन्य व्यक्ति के कंधे पर स्टार लगा रहा था। पुलिस ने इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की और आरोपी की पहचान दिल्ली के प्रेमनगर शुक्र बाजार, प्रवेश नगर मुबारकपुर निवासी यादराम आर्य के रूप में की गई।
1100 रुपये में वर्दी और आईडी कार्ड
पुलिस ने रविवार को यादराम आर्य को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने खुद को एंटी क्राइम ऑर्गनाइजेशन वसुंधरा संरक्षण फाउंडेशन का संस्थापक बताया। उसने कबूला कि वह लोगों से 1100 रुपये लेकर उन्हें खाकी वर्दी और फर्जी आईडी कार्ड देता था, जो देखने में पुलिस के असली पहचान पत्र जैसे लगते थे।
टोल टैक्स और चालान से बचाने का लालच
एसीपी के मुताबिक, आरोपी यादराम आर्य लोगों को संगठन में भर्ती करने के लिए आकर्षक झूठे वादे करता था। वह दावा करता था कि उसका संगठन भारत सरकार, गृह मंत्रालय और पुलिस द्वारा मान्यता प्राप्त है। सदस्य बनने के बाद लोग वर्दी पहनकर न केवल अवैध वसूली कर सकते थे, बल्कि टोल प्लाजा पर टोल टैक्स से भी बच सकते थे। इतना ही नहीं, पुलिस भी उनके वाहनों का चालान नहीं करेगी। इन झूठे वादों के चलते कई लोग संगठन में शामिल हो गए थे।
फर्जी आईडी कार्ड पर सरकारी विभागों के नाम
पुलिस के अनुसार, आरोपी द्वारा दिए गए आईडी कार्ड पर गृह मंत्रालय, बीएसएफ और भारत सरकार का नाम अंकित था। इतना ही नहीं, कार्ड पर यह भी लिखा होता था कि सदस्य के जुड़ने और आईडी कार्ड जारी करने की सूचना पुलिस कमिश्नर को दे दी गई है। पुलिस ने आरोपी के पास से कई फर्जी आईडी कार्ड, पुलिस वर्दी, लेटर हेड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
संगठन की जांच में जुटी पुलिस
एसीपी इंदिरापुरम ने बताया कि यादराम आर्य फर्जी पहचान पत्र और वर्दी के जरिए अवैध लाभ कमा रहा था। पुलिस अब संगठन के नेटवर्क और इसमें शामिल अन्य सदस्यों की जानकारी जुटा रही है। यह भी जांच की जा रही है कि इन सदस्यों ने किन-किन लोगों से अवैध वसूली की है।
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मुख्य कार्यालय आंध्र प्रदेश में दर्शाया
आरोपी ने अपने संगठन का मुख्य कार्यालय विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश में और कार्यकारी कार्यालय मुबारकपुर, दिल्ली के मीर विहार में बताया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले दर्जी था और महिलाओं के कपड़े सिलता था। धीरे-धीरे उसने यह फर्जी संगठन बनाकर लोगों से ठगी शुरू कर दी। पुलिस अब उसके दोनों कार्यालयों की भी जांच कर रही है।
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
इंदिरापुरम थाना पुलिस ने आरोपी यादराम आर्य के खिलाफ धोखाधड़ी और अवैध वसूली का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि संगठन में कितने लोग शामिल हैं और उन्होंने अब तक कितने लोगों के साथ ठगी की है।