Ghosi Bypoll Election: घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में करारी हार के बाद नए लोगों को टिकट देने पर भाजपा में अब सवाल उठने लगे हैं। चार बार सांसद रहे डॉ. रमेश चंद तोमर ने हाल ही में पार्टी में शामिल हुए लोगों को टिकट नहीं देने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि आखिर भाजपा के पास नरेंद्र मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जैसा सक्षम नेतृत्व है तो आखिर घोसी उपचुनाव में इस तरह का परिणाम क्यों आया ? क्या अधिकारियों का हावी होकर मनमानी करना, कार्यकर्ताओं की बातों को नहीं सुनना कारण है ?
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बाहर से आए नेताओं के लिए कही यह बात
उन्होंने कहा कि कही न कही बाहर से आए लोग जो केवल सत्ता को ध्यान में रखकर पार्टी में आते हैं, उनसे पार्टी को नुकसान होता है। किसी अन्य दल से आने वाले नेताओं को चार या पांच साल तक कूलिंग ऑफ पीरियड में रखना चाहिए। इस दौरान पार्टी की रीति नीति सिद्धांत के प्रति उनका समर्पण और व्यवहार देखना चाहिए।
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कार्यकर्ताओं का राय लेना जरूरी
उन्होंने आगे कहा कि सत्ता के लालच में आए लोगों को तुरंत पद या टिकट देने के प्रचलन से कार्यकर्ता हताश और निराश है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं को कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करना चाहिए। अधिकारियों के मनमानेपन पर रोक लगनी चाहिए। जो बाहर से पार्टी में आते है, उनकी विश्वसनीयता का आकलन करके कार्यकर्ताओं की राय लेनी जरूरी है।

