Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर हाल ही में सीपीआईएमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कुछ बड़ी बातें कही हैं। उन्होंने विपक्षी गठबंधन के सबसे बड़े सहयोगी दल, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को सलाह दी कि वह छोटे सहयोगियों के प्रति और ज़्यादा ‘उदार’ हो, खासकर जब बिहार में नए दलों के प्रवेश की संभावना है और ‘इंडिया’ गठबंधन का विस्तार हो सकता है।
सीपीआईएमएल की 40 सीटों पर उम्मीद
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी इस बार कम से कम 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पिछले चुनाव में उनकी पार्टी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार उनका लक्ष्य ज्यादा सीटें जीतने का है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, “हमने 243 सीटों में से लगभग 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है।”
कांग्रेस की सीटों को लेकर क्या बोले दीपांकर?
हाल ही में कांग्रेस ने बिहार चुनाव में ज्यादा सीटें मांगी हैं, जिस पर भट्टाचार्य ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने 70 सीटें मांगने की बात कही है, लेकिन पिछली बार कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और केवल 19 सीटें ही जीत पाई थी। वहीं, 2015 में कांग्रेस ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 सीटें जीत ली थीं, जो बहुत अच्छा स्ट्राइक रेट था।” भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपनी क्षमता से ज्यादा सीटों का बोझ नहीं उठाना चाहिए। उनके मुताबिक, सीटों का बंटवारा संतुलित होना चाहिए।
महागठबंधन में नए सहयोगियों का प्रवेश
दीपांकर भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि पिछले चुनाव में भाकपा (माले) लिबरेशन का प्रतिनिधित्व कम था, लेकिन इस बार पार्टी को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। साथ ही, महागठबंधन में नए दलों के शामिल होने की संभावना है। उनका कहना था कि राजद और कांग्रेस को 2020 के चुनाव की तुलना में इस बार कम सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ेगा। “उन्हें ज्यादा उदार होना होगा,” भट्टाचार्य ने कहा।
महागठबंधन में होने वाले बदलाव
महागठबंधन में फिलहाल आरजेडी, कांग्रेस, भाकपा (माले) लिबरेशन, भाकपा, माकपा और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं। इसके अलावा, इस साल के अंत में होने वाले चुनावों से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के भी गठबंधन में शामिल होने की संभावना है। भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी ने पहले ही 40 सीटों की सूची गठबंधन के सामने रख दी है और बातचीत जारी है। अब देखना होगा कि इन सीटों का बंटवारा कैसे होता है और किसे कितनी सीटें मिलती हैं।इस तरह, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार नया समीकरण और नई रणनीतियां सामने आएंगी।
ये भी पढ़ें : US Gold Card: डोनाल्ड ट्रंप का Gold Card Program, अमीर निवेशकों के लिए खुला नया रास्ता
ये भी देखें : Neeraj Kumar On Prashant Kishore: क्या JDU में भी हो रहा है घोटाला? PK के आरोपों से मचा बवाल!