Delhi Politics : हर तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान की खबरें इंटरनेट पर छाई हुई हैं. जब से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे का ऐलान किया है तब से सियासी गलियारों में सियासत तेज हो गई है. इस पर पक्ष और विपक्ष के नेताओं की टिप्पणी भी देखने और सुनने को मिल रही है. तो वहीं इन सब के बीच केजरीवाल के गुरु माने जाने वाले और महाराष्ट्र के समाजसेवी अन्ना हजारे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
केजरीवाल के इस्तीफे पर बोले अन्ना हज़ारे
अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, कि मैंनेतो पहले ही कहा था कि राजनीति में मत जाओ। समाज की सेवा करोगे तो बहुत बड़े आदमी बनोगे। हम लोग कई साल से साथ में थे। उस समय मैंने बार-बार कहा की राजनीति में नहीं जाना है। समाज सेवा आनंद देती है। आनंद बढाओ, लेकिन उसके दिल मे बात नहीं रही और आज जो होना था वह हो गया। उनके (केजरीवाल) के दिल में क्या है, ये मैं क्या जानता हूं?
मैं अग्निपरीक्षा देना चाहता हूं- केजरीवाल
आपको बता दें कि दल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले है. जिसको लेकर सियासत और भी ज्यादा गर्मा गई है. तो वहीं इन सब के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि “मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठूंगा, जब लोग मुझे ईमानदारी करार देंगे। अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह दो दिन बाद अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में समय से पहले ही चुनाव कराने की मांग करेंगे. केजरीवाल ने कहा कि जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देती, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. बता दें कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए केजरीवाल पत्नी सुनीता के साथ पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे. यहां पर केजरीवाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री और मनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री तभी बनेंगे, जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं. अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि वह दिल्ली में फरवरी में चुनाव होने हैं, लेकिन मेरी मांग है कि राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव महाराष्ट्र के साथ नवंबर में कराए जाएं, मैं जेल से बाहर आने के बाद अग्निपरीक्षा देना चाहता हूं.
ये भी पढ़ें..
Noida: नोएडा में आईटी इंजीनियर महिला से 20 लाख रुपये की ठगी, 3 घंटे तक रही डिजिटल अरेस्ट का शिकार
अन्ना हजारे ने 2011 में शुरू किया था आमरण अनशन आंदोलन
आपको याद दिला दें कि अरविंद केजरीवाल 2011 में अन्ना हजारे के आमरण अनशन का हिस्सा थे. अन्ना हजारे ने जन लोकपाल विधेयक को पास कराने के लिये 16 अगस्त 2011 से आमरण अनशन आरम्भ किया था. जिसमें अरविंद केजरीवाल ने भी हिस्सा लिया था. जिसके बाद केजरीवाल ने 2011 के जनांदोलन के चलते ही सियासत में आने का ऐलान किया था. इस आंदोलन से जुड़े लोगों के साथ मिलकर उन्होंने 2013 में आम आदमी पार्टी की शुरूआत की थी और तो और पहले ही विधानसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी की सरकार भी बना ली. उसके बाद दिल्ली में 2 बार चुनाव हुए और आम आदमी पार्टी ऐतिहासिक बहुमत के साथ दोनों बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई.