Delhi News: होली और रमजान समेत आगामी त्योहारों के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मिलावटखोरों के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। प्राधिकरण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे मार्च माह के दौरान डेयरी उत्पादों पर सख्त निगरानी बनाए रखें।
त्योहारी सीजन में डेयरी उत्पादों की मांग बढ़ने के चलते खाद्य मिलावट और गलत लेबलिंग की घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। एफएसएसएआई ने खाद्य मिलावट को रोकने और खाद्य सुरक्षा नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मासिक उत्पाद-विशेष निगरानी अभियान चलाने का निर्णय लिया है। चूंकि त्योहारों के दौरान दूध और इससे बने उत्पादों की खपत अधिक होती है, इसलिए इस महीने इनकी कड़ी जांच के निर्देश दिए गए हैं।
क्या होते हैं डेयरी उत्पाद?
खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) नियमों के अनुसार, डेयरी अनुरूप वे उत्पाद होते हैं, जिनमें दूध के घटकों को आंशिक या पूर्ण रूप से गैर-दुग्ध तत्वों से बदल दिया जाता है, लेकिन वे दिखने, बनावट और कार्यक्षमता में दूध या दूध उत्पादों के समान प्रतीत होते हैं। हालांकि, इन्हें दूध, दूध उत्पाद या समग्र दूध उत्पाद नहीं माना जाता।
इस प्रक्रिया के तहत, यदि मानकीकृत दूध उत्पादों में प्रमुख दूध घटकों (जैसे दूध वसा या दूध प्रोटीन) को वनस्पति तेल, वसा या प्रोटीन से बदला जाता है, तो इसे ‘डेयरी अनुरूप’ उत्पाद की श्रेणी में रखा जाता है।
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एफएसएसएआई के नियम
एफएसएसएआई के नियमों के मुताबिक, “डेयरी अनुरूप” उत्पाद वे होते हैं, जिनमें दूध से प्राप्त न किए गए घटक आंशिक या पूर्ण रूप से दूध के घटकों की जगह लेते हैं और अंतिम उत्पाद दूध, दूध उत्पाद या समग्र दूध उत्पाद के समान दिखता है।
खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम 2011 के अनुसार, गैर-डेयरी उत्पादों को दूध या दूध आधारित उत्पादों के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए। डेयरी अनुरूप उत्पादों की मानकों और लेबलिंग को लेकर बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर एफएसएसएआई ने सभी राज्य प्राधिकरणों को सख्त परीक्षण और लेबलिंग जांच करने का निर्देश दिया है।