Delhi Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान सोमवार शाम समाप्त हो जाएगा। पिछले एक महीने से आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने जोर-शोर से चुनाव प्रचार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाजपा के समर्थन में कई रैलियां कीं और दिल्ली में पार्टी की जीत का माहौल बनाने की कोशिश की। रविवार को आरके पुरम में आयोजित जनसभा में उन्होंने भाजपा की जीत का पूरा भरोसा जताया और कार्यकर्ताओं को अनोखी रणनीति अपनाने का निर्देश दिया।
पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी कि वे अधिक से अधिक समर्थकों को पोलिंग बूथ तक ले जाएं। उन्होंने कहा, “भाजपा कार्यकर्ता 5 फरवरी को अपने साथ कम से कम 5 समर्थकों को लेकर पोलिंग बूथ जाएं और भाजपा को वोट दिलाएं। लोकतंत्र एक उत्सव है, इसे धूमधाम से मनाएं। चुनाव के दिन 20-25 की टोली में वोट डालने निकलें। थाली बजाते बजाते जाएं, घंटी बजाते बजाते जाएं, ढोल बजाते-बजाते जाएं। यह लोकतंत्र का उत्सव है, इसे पूरे जोश के साथ मनाएं।”
भाजपा की जीत का भरोसा
पीएम मोदी ने अपने भाषण में भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को भरोसा दिलाया कि इस बार दिल्ली में पार्टी की जीत तय है। उन्होंने कहा, “8 फरवरी को शानदार विजय सभा में हम मिलेंगे, क्योंकि हमारी विजय निश्चित है। 25 साल बाद दिल्ली में भाजपा सरकार बनाने का यह सुनहरा अवसर आया है। हमें सिर्फ जीत नहीं, बल्कि प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करनी है। हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए – आपदा को हटाना और भाजपा को लाना।”
‘थाली-घंटी’ अपील के पीछे की रणनीति
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, पीएम मोदी की ‘थाली-घंटी’ वाली अपील एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। ऐसे में स्विंग वोटर्स (वे मतदाता जो किसी विशेष पार्टी से जुड़े नहीं होते और चुनावी माहौल के आधार पर मतदान करते हैं) महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
स्विंग वोटर्स आमतौर पर उस पार्टी को समर्थन देते हैं, जिसे वे जीत के करीब मानते हैं। पीएम मोदी की यह रणनीति इन्हीं मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बनाई गई है। जब भाजपा कार्यकर्ता गलियों और सड़कों पर ढोल और घंटी बजाते हुए निकलेंगे, तो इससे एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ेगा और undecided मतदाता भाजपा की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
चुनाव प्रचार का आखिरी दिन और अंतिम प्रयास
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने विभिन्न इलाकों में रोड शो, जनसभाएं और प्रचार अभियानों के जरिए मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 8 फरवरी को दिल्ली की जनता किसे अपना समर्थन देती है और किसकी सरकार बनती है।