Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा ने तकनीक की दुनिया में एक बड़ी छलांग लगाई है। अब विधानसभा का सारा काम पूरी तरह पेपरलेस हो गया है। ये बदलाव नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (NEVA) के जरिए संभव हुआ है और खास बात ये है कि दिल्ली ने इसे सिर्फ 100 दिनों में लागू कर दिखाया।
शनिवार को संसद भवन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू ने दिल्ली विधानसभा की इस उपलब्धि की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, “दिल्ली ने साबित किया है कि जब तकनीक और दृढ़ निश्चय एक साथ आते हैं, तो नतीजे ऐतिहासिक होते हैं। नेवा का यह तेज़ और प्रभावी कार्यान्वयन पूरे देश के लिए मिसाल है।”
सिर्फ 100 दिनों में हुआ बदलाव
मार्च में संसदीय कार्य मंत्रालय, दिल्ली सरकार के विधि, न्याय एवं विधिक कार्य विभाग और विधानसभा सचिवालय के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। इसके बाद दिल्ली विधानसभा ने मात्र 100 दिनों में नेवा सिस्टम लागू कर दिया।
4 अगस्त को दिल्ली विधानसभा ने अपना पहला पूरी तरह पेपरलेस सत्र आयोजित किया, जिससे वह देश की 18वीं “गो-लाइव” विधानसभा बन गई।
“पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में बड़ा कदम”
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि नेवा का सफल कार्यान्वयन पारदर्शिता, दक्षता और तकनीकी प्रगति की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।
उन्होंने यह भी कहा, “अब दिल्ली विधानसभा पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है। इससे न केवल कागज की बचत होगी, बल्कि विधायी कार्य और भी पारदर्शी और सुलभ बनेंगे।” उन्होंने केंद्रीय मंत्री किरें रिजिजू से नेशनल लेजिस्लेटिव इंडेक्स स्थापित करने में सहयोग का अनुरोध भी किया।
डिजिटल इंडिया की दिशा में मजबूत कदम
‘नेवा’ के जरिए अब दिल्ली विधानसभा के सभी दस्तावेज़, कार्यसूची और विधेयक डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे। इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि विधानसभा के कामकाज में तेज़ी, पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
दिल्ली का यह कदम डिजिटल इंडिया और पेपरलेस शासन की दिशा में एक मजबूत उदाहरण बन गया है — जो आने वाले समय में देश की अन्य विधानसभाओं के लिए भी प्रेरणा साबित हो सकता है।
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