Corona Virus: देशभर में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है, और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी इससे अछूती नहीं है। नई लहर के बीच दिल्ली में पहली बार एक दिन में तीन मरीजों की मौत दर्ज की गई है, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है। अब तक इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक कोरोना से 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
तीन मरीजों की दुखद मौत
हाल में जिन तीन लोगों की मौत हुई है, उनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। मृतकों में एक 57 वर्षीय महिला शामिल थीं, जिन्हें मधुमेह और फेफड़े की बीमारी थी। एक 57 वर्षीय पुरुष भी थे, जिन्हें भी समान स्वास्थ्य समस्याएं थीं। वहीं, एक 83 वर्षीय बुजुर्ग महिला को मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याएं थीं। इन मामलों से साफ है कि पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह संक्रमण अभी भी खतरनाक बना हुआ है।
सक्रिय मामलों में राहत
हालांकि एक ओर जहां मौतों की खबर चिंता का विषय है, वहीं दूसरी ओर सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। शनिवार को दिल्ली में सक्रिय केस घटकर 672 रह गए। अच्छी बात यह रही कि 24 घंटे में कोई नया मामला सामने नहीं आया। 212 मरीजों ने कोरोना को मात दी, जिससे रिकवरी रेट में भी सुधार आया है। दिल्ली में 1 जनवरी 2025 से अब तक कुल 1960 मामले सामने आए हैं।
देश में स्थिति और दिल्ली की रैंकिंग
देशभर में बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली फिलहाल कोरोना संक्रमण के मामलों में दूसरे नंबर पर है। इससे साफ है कि भले ही कुल मामलों में थोड़ी गिरावट हो रही हो, लेकिन स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं है।
कितना खतरनाक है नया कोरोना वैरिएंट?
विशेषज्ञों के अनुसार, नए वैरिएंट्स पहले के मुकाबले तेजी से फैलते हैं, लेकिन वे हमेशा पहले जितने घातक नहीं होते। बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और पहले से बीमार व्यक्ति संक्रमण के मामले में सबसे अधिक जोखिम में रहते हैं। लक्षण हल्की सर्दी-जुकाम से शुरू होकर गंभीर सांस की परेशानी तक जा सकते हैं।
कोरोना के सामान्य लक्षण
- बुखार या ठंड लगना
- सूखी खांसी
- गले में खराश
- सिरदर्द व बदन दर्द
- थकान और कमजोरी
- सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी
- सांस लेने में परेशानी
क्या करना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते मामलों से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बेहद जरूरी है। जिन लोगों को सर्दी-जुकाम के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अधिकतर लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं, इसलिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम हो रही है।
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